इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा होने के चलते रक्षाबंधन 30 और 31 अगस्त को मनाया जाएगा.
इस दिन राखी शुभ मुहुर्त पर ही बांधनी चाहिए. इसलिए भद्रा काल ज़रूर देखा जाता है.
शास्त्रों में भद्राकाल को अशुभ माना गया है. इसलिए इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को अच्छा अंजाम नहीं मिलता.
भद्रा सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव की बहन है. शनि की तरह इसका स्वभाव भी उग्र है.
शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्राकाल में ही राखी बांधी थी. जिसके चलते उसके पूरे कुल का सर्वनाश हो गया.
इस साल रक्षाबंधन पर 30 अगस्त की सुबह करीब 11 बजे से रात के 9 बजे तक भद्रा रहेगी.
वहीं अगले दिन 31 अगस्त को सुबह महज 05:42 से सुबह 07:23 बजे तक ही राखी बांधने का शुभ मुहुर्त है.