हनुमान जी को भगवान श्रीराम का परम भक्त माना जाता है. ये ज्ञान के भंडार के साथ अष्ट सिद्धियों के भी दाता हैं.

हर किसी को शिक्षा देने वाला एक गुरू होता है. चाहे फिर भगवान हो या इंसान. ऐसे ही हनुमान जी के भी गुरू है.

हनुमान को ज्ञान, गुण सागर कहते हैं. आइए जानते है कि वो कौन से गुरू है, जिन्होंने हनुमान को अष्ट सिद्धियां और नौ निधियां दी.

शास्त्रों में हनुमान जी के गुरू सूर्य भगवान को बताया गया है.

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, एक बार बचपन में हनुमान ने सूर्यदेव को फल समझकर अपने मुख में रख लिया था.

हनुमान को अष्ट सिद्धियां और नौ निधियां प्राप्त करनी थी. इसके लिए उन्होंने सूर्य देव से प्रार्थना की.

जिसके बाद सूर्य देव ने उन्हें सभी वेदों का संपूर्ण ज्ञान दिया.

सूर्यदेव ज्ञान और ऊर्जा के कारक है. उनका यही गुण हनुमान में भी झलकता है.

हनुमान जी में भी गुरू भक्ति, प्रभु राम के प्रति नि:स्वार्थ भक्ति और प्रेम और अपने भक्तों के लिए सदैव हाज़िर होना जैसे ये सभी गुण थे.

सूर्यदेव के साथ-साथ हनुमान ने मातंग ऋषि और नारद मुनि से भी ज्ञान प्राप्त किया था.