अक्सर घर की बालकनी, दरवाज़े या फिर छत पर पशु-पक्षी आकर बैठ जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार, इनके दिखने के पीछे कोई संकेत छिपा होता है.
ऐसे में आज हम बात करेंगे की कौए के घर की मुंडेर पर बैठने के क्या संकेत हो सकते हैं.
शास्त्रों में कौए को पितरों का रूप माना गया है. कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों के रूप में कौए भोजन ग्रहण करते हैं.
अमावस्या का दिन पितरों का माना गया है. इस दिन यदि कौआ घर पर आकर रोटी खाता है, तो इसका अर्थ ये माना जाता है कि वो भोजन पितरों ने ग्रहण किया है.
साथ ही, कौआ शनि देव का वाहन भी होता है. शनिवार के दिन कौए को रोटी खिलाने से शनिदेव खुश होते हैं.
घर की छत पर बैठकर कौए के कांव-कांव करने के पीछे ये मान्यता है कि मनुष्य को अपने कार्य क्षेत्र में तरक्की हासिल होने वाली है.
इसके अलावा यदि घर के दक्षिण दिशा की ओर बैठकर कौआ तेज़ से आवाज़ करें, तो इसका अर्थ ये हो सकता है कि आपके पितृ आपसे नाराज़ है.