हनुमान केवल ऐसे देव है, जिन्हें अष्ट सिद्धि, नव निधि के दाता कहा जाता है.

इन सिद्धि-निधि से हनुमान कोई भी रूप या आकार धारण कर सकते हैं और जो भी भक्त हनुमान की शरण में आता है, वे उनकी रक्षा करते हैं.

हनुमान की सबसे पहली शक्ति अणिमा शक्ति है. जिससे अपने शरीर का आकार छोटा करके उन्होंने लंका में प्रवेश किया था.

अणिमा सिद्धि-

इस सिद्धि के ज़रिए बजरंगबली आसानी से अपना आकार विशालकाय कर सकते हैं.

महिमा सिद्धि-

 इस सिद्धि की शक्तियों से बजरंगबली अपने शरीर को पहाड़ जितना भारी भरकम कर सकते हैं. जिससे उन्होंने भीम का अभिमान तोड़ा था.

गरिमा सिद्धि-

भारी भरकम की तरह लघिमा शक्ति से हनुमान अपने शरीर को हवा की तरह हल्का भी कर सकते हैं.

लघिमा सिद्धि-

प्राप्ति सिद्धि की दिव्य शक्तियों से हनुमान भविष्य में घटने वाली घटनाओं को जान सकते हैं. साथ ही पशु-पक्षियों की भाषा समझ सकते हैं.

प्राप्ति सिद्धि-

इस सिद्धि से हनुमान आज तक अपने भक्तों की रक्षा अलग-अलग वेश बदल कर करते हैं.

प्राकाम्य सिद्धि-

ईशित्व सिद्धि पाकर हनुमान जी को दैविय शक्तियां प्राप्त हुई. जिससे आज वे समस्त राम भक्तों के ईष्ट हैं.

ईशित्व सिद्धि-

इसके माध्यम से हनुमान अपने इंद्रियों को वश में रखकर, छल, प्रपंच, माया और ऊपरी शक्तियों पर काबू पा सकते हैं.

वशित्व सिद्धि-