कहा जाता है इस कलयुग में हनुमान जी एकमात्र ऐसे भगवान है, जो हम लोगों के बीच में विद्यमान है.
हिंदु धार्मिक ग्रंथों में हनुमान जी को खुश करने के लिए हनुमान चालीसा, सुंदरकांड पाठ और बजरंगबाण काफी प्रभावशाली और फलदायी बताए गए है.
हालांकि, ये भी कहा जाता है कि हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के पाठ की तरह बजरंगबाण को नियमित रूप से नहीं करना चाहिए.
बजरंगबाण कई गुना शक्तिशाली होता है और इससे फल भी जल्दी मिलता है.
लेकिन इसमें कार्य सिद्धि और कष्ट निवारण के लिए राम नाम का सहारा लिया गया है.
यानी की इस पाठ को करके हम हनुमान जी को सीधे तौर पर श्रीराम की दुहाई देते है. जो हनुमान पर अनुचित दबाव है.
माना जाता है कि राम दुहाई देकर हनुमान भक्तों की मनोकामना की पूर्ति करने के लिए बाध्य हो जाते है.
इसलिए बजरंगबाण का पाठ नियमित रूप से न करके, तभी करना चाहिए जब आपको लगे कि आप बहुत बड़ी दुविधा में हो.
कहा जाता है इस कलयुग में हनुमान जी एकमात्र ऐसे भगवान है, जो हम लोगों के बीच में विद्यमान है.
कहा जाता है इस कलयुग में हनुमान जी एकमात्र ऐसे भगवान है, जो हम लोगों के बीच में विद्यमान है.