श्रावण अधिक मास के तीसरे प्रदोष व्रत को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है। यह व्रत भगवान शिव की उपासना का विशेष मौका है और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस व्रत को प्रदोष काल यानी संध्या के समय भगवान शिव की उपासना करने से प्रभाव अधिक होता है। इस साल, श्रावण अधिक मास के तीसरे प्रदोष व्रत की तारीख है 13 अगस्त, रविवार। इसे रवि प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है।
यह व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना का महत्वपूर्ण दिन है और साधक के जीवन में सुख, समृद्धि, धन, और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन पर भगवान शिव की पूजा, अर्चना, और जाप करने से साधक को शांति, समरसता, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान शिव के विशेष आशीर्वाद से साधक के जीवन में सफलता और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इसलिए, श्रावण अधिक प्रदोष व्रत को ध्यानपूर्वक रखना चाहिए और भगवान शिव की उपासना में निष्ठा रखनी चाहिए।
श्रावण अधिक प्रदोष व्रत 2023 तिथि:
श्रावण अधिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 13 अगस्त 2023 को सुबह 08:19 बजकर से प्रारंभ होगी और इस तिथि का समापन 14 अगस्त 2023 को सुबह 10:25 बजकर पर होगा। इस दिन, श्रावण मास के तीसरे प्रदोष व्रत का आयोजन रविवार, 13 अगस्त 2023 को होगा। इसके कारण इसे रवि प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस विशेष दिन पर, प्रदोष काल संध्या 07:03 बजकर से रात्रि 09:12 बजकर तक रहेगा।
श्रावण अधिक मास प्रदोष व्रत पूजन विधि:
साधक सुबह जल्दी उठकर स्नान करे और गंगाजल या दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें।
इसके बाद, प्रदोष काल में पंचामृत से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें।
जाप के दौरान “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें, और उनकी उपासना में समर्पित रहें।
अंत में, भगवान शिव की आरती करें और पूजा समाप्त करें।
श्रावण अधिक मास प्रदोष व्रत का महत्व:
श्रावण मास के तीसरे प्रदोष व्रत के पालन से साधक को लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है।
भगवान शिव की कृपा से साधक को सुख, समृद्धि, धन, और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
इस व्रत के पालन से साधक को स्वास्थ्य के लाभ प्राप्त होते हैं और वे निरोगी जीवन जीते हैं।