कालाष्टमी क्या है? कालाष्टमी के दिन क्या किया जाता है? इन दिन दान करने का बहुत ही अधिक महत्व है। कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा-साधना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान काल भैरव इसी तिथि को यहाँ प्रकट हुए थे। आइए जानते हैं कालाष्टमी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी।
क्या है कालाष्टमी?
हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी होती है. कहा जाता है कि इस तिथि के दिन भगवान काल भैरव प्रकट हुए थे, इसलिए इसे कालाष्टमी कहा जाता है. यह तिथि भगवान भैरव से असीम शक्ति प्राप्त करने का शुभ समय माना जाता है. साथ ही, इस दिन पूजा और व्रत करने का विशेष महत्व है.
भैरव बाबा को करें प्रसन्न
- इस दिन बटुक भैरव भगवान को कच्चा दूध चढ़ाएँ.
- इस दिन भगवान काल भैरव को शराब अर्पित करें.
- हलवा, पूरी और मदिरा भैरव के प्रिय भोग हैं.
- इसके अलावा इमरती, जलेबी और 5 तरह की मिठाइयां भी अर्पित की जाती है.
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काल भैरव पूजन विधि
- इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठे.
- एक लकड़ी के पाट पर शिवजी और पार्वती के चित्र को स्थापित करें.
- जल से सारी जगह शुद्धिकरण करें और सब भगवानों की प्रतिमा को गुलाब के फूलों का हार पहनाएं.
- चौमुखी दीपक जलाएँ और साथ ही गुग्गल की धूप जलाएं.
- हल्दी से सभी को तिलक लगाकर हाथ में गंगा जल लेकर, व्रत करने का संकल्प लें.
- अब शिव पार्वती का पूजन करें और उनकी आरती उतारें.
- इस दौरान शिव और भैरव चालीसा करें.
- पितरों को याद करें और उनका श्राद्ध करें.
- व्रत के समापन के बाद काले कुत्ते को मीठी रोटी या कच्चा दूध पिलाएं.
- अंत में श्वान का पूजन भी करना चाहिए.
- अर्धरात्रि में धूप, काले तिल, दीपक, उड़द और सरसों के तेल से काल भैरव की पूजा करें.

काल भैरव मंत्र
- अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,
- भैरव नमस्तुभ्यं अनुजा दातुमर्हसि!!
अन्य मंत्र-
ॐ कालभैरवाय नमः।
ॐ भयहरणं च भैरवः।
ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्दारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।
ॐ भ्रं कालभैरवाय फट्।
नाराद पुराण में कहा गया है कि कालभैरव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है. यदि मनुष्य किसी रोग से जूझ रहा है, तो इससे उस मनुष्य के दुख-दर्द दूर हो जाएंगे.
कालाष्टमी को करें दान
- इस दिन कच्चा दूध भैरव मंदिर में दान करें.
- जरूरतमंदों को काला और सफेद दो रंग का कंबल दान करें.
- कुत्तों को रोटी खिलाएं.
- गाय को जौ, गुड़ और घी के साथ रोटी खिलाएं.
- इस दिन जरूरतमन्द लोगों को सरसों का तेल, काले कपड़े, खाने की तली चीजें, घी, जूते-चप्पल, काँसें के बर्तन जैसी चीजे दान करें.