Skanda Sashti 2024: शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि गर माह आती है और इसी दिन स्कन्द षष्ठी मनाई जाती है. इस त्योहार में भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है. इस दिन उनकी विधि विधान से पूजा करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
भगवान कार्तिकेय को सनातन शास्त्रों में स्कन्द कहा जाता है. भगवान कार्तिकेय की पूजा विशेष रूप से दक्षिण भारत में की जाती है. इनकी पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इसके साथ सुख और सौभाग्य भी मिलता है. अगर आप भी भगवान कार्तिकेय की कृपा चाहते हैं तो उनकी पूजा के दिन इस मंगलकारी स्तोत्र का पाठ जरूर करें और पूजा के आखिर में आरती जरूर करें.
श्री कार्तिकेय स्तोत्र
योगीश्वरो महासेनः कार्तिकेयोऽग्निनन्दनः।
स्कंदः कुमारः सेनानी स्वामी शंकरसंभवः॥
गांगेयस्ताम्रचूडश्च ब्रह्मचारी शिखिध्वजः।
तारकारिरुमापुत्रः क्रोधारिश्च षडाननः॥
शब्दब्रह्मसमुद्रश्च सिद्धः सारस्वतो गुहः।
सनत्कुमारो भगवान् भोगमोक्षफलप्रदः॥
शरजन्मा गणाधीशः पूर्वजो मुक्तिमार्गकृत्।
सर्वागमप्रणेता च वांछितार्थप्रदर्शनः ॥
अष्टाविंशतिनामानि मदीयानीति यः पठेत्।
प्रत्यूषं श्रद्धया युक्तो मूको वाचस्पतिर्भवेत् ॥
महामंत्रमयानीति मम नामानुकीर्तनात्।
महाप्रज्ञामवाप्नोति नात्र कार्या विचारणा ॥
श्री कार्तिकेय आरती
जय जय आरती वेणु गोपाला
वेणु गोपाला वेणु लोला
पाप विदुरा नवनीत चोरा
जय जय आरती वेंकटरमणा
वेंकटरमणा संकटहरणा
सीता राम राधे श्याम
जय जय आरती गौरी मनोहर
गौरी मनोहर भवानी शंकर
सदाशिव उमा महेश्वर
जय जय आरती राज राजेश्वरि
राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि
महा सरस्वती महा लक्ष्मी
महा काली महा लक्ष्मी
जय जय आरती आन्जनेय
आन्जनेय हनुमन्ता
जय जय आरति दत्तात्रेय
दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार
जय जय आरती सिद्धि विनायक
सिद्धि विनायक श्री गणेश
जय जय आरती सुब्रह्मण्य
सुब्रह्मण्य कार्तिकेय।