सावन में शिवजी की पूजा में कौन-कौन सी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए?

सावन में शिवजी की पूजा में कौन-कौन सी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए?

सावन महीने में शिवजी की पूजा करना हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। शिवजी के भक्तों को सावन के महीने में उनकी पूजा और उपासना के लिए विशेष तैयारी करनी चाहिए। हालांकि, कुछ गलतियाँ को भक्तों को शिवजी की पूजा करते वक्त नहीं करनी चाहिए। आइए जानते हैं कि सावन में शिवजी की पूजा करते समय किन गलतियों को नहीं करनी चाहिए?

सावन में शिवजी की पूजा में न करनी चाहिए ये गलतियाँ:

1. विशेष तैयारी के बिना पूजा: सावन में शिवजी की पूजा के लिए विशेष तैयारी करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें पूजा सामग्री को एकत्र करना, पूजा स्थल को सजाना, धूप, दीप, फूल, फल आदि को अर्पित करना शामिल होता है। बिना तैयारी के शिवजी की पूजा नहीं करनी चाहिए।

2. प्रारंभिक विधि का अवहेलना: शिवजी की पूजा में प्रारंभिक विधि का अवहेलना करना उचित नहीं माना जाता है। इसमें शुद्धि, स्नान, सावन के संगम के अवसर पर शिवलिंग पर जल अर्पित करना होता है। विधि-पूर्वक शिवजी की पूजा करने से पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।

3. मंत्रों का अधिकारहीन उच्चारण: शिवजी की पूजा में मंत्रों के अधिकारहीन उच्चारण नहीं करना चाहिए। मंत्रों को सही ढंग से उच्चारित करना और समझना अत्यंत आवश्यक है। बिना समझे और गलत मंत्रोचारण करने से इसके गलत परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

4. भक्ति और श्रद्धा की कमी: शिवजी की पूजा में भक्ति और श्रद्धा की कमी नहीं होनी चाहिए। पूजा के समय शिवजी के नाम का जाप करते हुए उन्हें खुद को समर्पित करना चाहिए। भक्ति और श्रद्धा से की गई पूजा सफल जरूर होती है।

5. प्रसाद बिना परमानंद में खाना: पूजा के दौरान प्रसाद को अभिषेक करने के बाद उसे परमानंद में खाना चाहिए। भक्तों को प्रसाद को श्रद्धापूर्वक और ध्यान से खाना चाहिए। कभी भी भगवान के प्रसाद की अवहेलना नहीं करनी चाहिए।

6. व्रत और उपवास का पालन: सावन में शिवजी की पूजा करने वाले को व्रत और उपवास का पालन करना चाहिए। यह भगवान शिव की भक्ति और पूजा में विशेष शुभकारी होता है। नियम से व्रत और उपवास करने से आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ मानसिक और भौतिक लाभ भी प्राप्त होता है।

7. अहिंसा और दया की महत्व: शिवजी की पूजा के समय अहिंसा और दया का पालन करना आवश्यक है। भक्तों को सभी प्राणियों पर दया और करुणा का भाव रखना चाहिए। इससे ईश्वर प्रसन्न होते हैं और अपने ऐसे भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं।

8. नियमित पूजा का पालन: सावन में शिवजी की पूजा को नियमित रूप से करना चाहिए। नियमित पूजा से भक्ति और आध्यात्मिक संबंध में स्थिरता आती है। इससे भगवान की पूजा में मन भी लगा रहता है और पूजा से मन को शांति भी मिलती है।

सावन महीने में शिवजी की पूजा करते समय इन गलतियों को नहीं करना चाहिए। भक्तों को शिवजी की उपासना में समर्पित और निष्ठावान रहना चाहिए ताकि उन्हें भगवान शिव के आशीर्वाद से समृद्धि, सुख, और सांत्वना मिले।