Kaal Bhairav Aarti Lyrics: हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। इस वैशाख महीने में कालाष्टमी आज यानी 01 मई को मनाई जा रही है। इस दिन भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव की पूजा का विधान है।
बता दें कि कालाष्टमी का पर्व तंत्र पूजा के लिए सबसे अनुकूल माना गया है। इस अवसर पर विधिविधान से बाबा काल भैरव की पूजा अर्चना होती है। माना जाता है कि काल भैरव की भक्ति से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यदि आपको भी काल भैरव की कृपा प्राप्त करनी हैं, तो पूजा के दौरान उनकी आरती जरूर करें। इस आरती से भक्तों के दुख और संताप दूर हो जाते हैं। आइए पढ़ते हैं काल भैरव की आरती।
काल भैरव जी की पावन आरती
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैंरव देवा।
जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।।
तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक।
भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।
वाहन शवन विराजत कर त्रिशूल धारी।
महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी।।
तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होंवे।
चौमुख दीपक दर्शन दुख सगरे खोंवे।।
तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी।
कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी।।
पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत।।
बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत।।
बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावें।
कहें धरणीधर नर मनवांछित फल पावें।।
कालाष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 01 मई को सुबह 05 बजकर 45 मिनट से होगा। वहीं इसका समापन 02 मई को सुबह 04 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में कालाष्टमी का पर्व 01 मई को मनाया जाएगा।