वास्तु शास्त्र में घर-संपत्ति से जुड़े कई उचित-अनुचित चीजें और दिशाओं के बारे में विस्तार से व्याख्या की गई है. जिसके मुताबिक अगर इन सबसे जुड़ी दिशाओं का ध्यान न रखा जाएं, तो व्यक्ति को वास्तु दोष भी लग सकता है. जिस कारण से इसका प्रभाव घर की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ सकता है. ऐसे में आज हम बात करेंगे की दुकान के मुख्य द्वार की दिशा को लेकर वास्तु क्या कहता है. दुकान व्यक्ति के रोज़ी-रोटी का एक साधन है. यदि इससे जुड़ें ही वास्तु दिशा का यदि ध्यान नहीं रखा जाएगा, तो इससे आर्थिक हानि होने का भी डर है. तो चलिए जानते है कि वास्तु के हिसाब से कौनसी दिशा दुकान का प्रवेश बनाने के लिए उचित है और कौन सी अनुचित है.

वास्तु शास्त्र में उत्तर और पूर्व दिशा को काफी शुभ माना गया है. इसके अलावा इन दोनों दिशाओं को बेहद महत्व भी दिया गया है. ऐसे में यदि दुकान का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में है, तो इससे व्यवसाय में बढ़ोतरी और लाभ हो सकता है. साथ ही आपका कारोबार तरक्की कर सकता है. वहीं, यदि आपकी दुकान का प्रवेश द्वार उत्तरमुखी है, तो ये आर्थिक लाभ होने का कारक बन सकता है. इससे आपके धन-धान्य में वृद्धि हो सकती है. साथ ही, आपको और आपकी दुकान को प्रसिद्धि भी प्राप्त हो सकती है.
ये दिशाएं है दुकान के प्रवेश द्वार के लिए अशुभ-
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेहतर कारोबार के लिए पश्चिम दिशा और दक्षिण दिशा में दुकान का प्रवेश द्वार होना बेहद अशुभ माना गया है. पश्चिम दिशा में प्रवेश द्वार होने से बिजनेस पर ज्यादा कुछ असर नहीं होगा. लेकिन इससे कभी काम में तेजी होगी, तो कभी काम मंदा रहेगा. इसके अलावा दक्षिण दिशा में द्वार होने से काम बिल्कुल ठप हो सकता है.