हर साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से लेकर आश्विन अमावस्या तक पितृ पक्ष होता है. इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरू हो चुके है. जो 14 अक्टूबर पर समाप्त होंगे. पितृ पक्ष के अंतराल में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता. इस अंतराल में पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है. कई लोग ऐसे होते है जिनकी कुंडली में पितर दोष होता है. ऐसे में वे अपनी कुंडली पर लगे पितृ दोष को खत्म करने के कई उपाय खोजते है. जिसमें से कुछ उपाय हम आपको बताने जा रहे है. हिंदू धर्म में गंगा नदी को सबसे पवित्र नदी मानी गई है. इसलिए गंगाजल से जुड़ें इन कुछ उपायों को करने से आप भी अपने ऊपर से पितृ दोष हटा सकते हैं.

अपनी कुंडली से पितृ दोष हटाने के लिए अपने पितृ को अर्पित किए भोजन में हल्का सा गंगाजल छिड़के. इसके साथ ही अपने पूरे घर में भी गंगाजल का छिड़काव करें. इससे पितृदेव प्रसन्न होते हैं.
कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितृ देव घर के किसी भी कोने में विराजित हो सकते है. इसलिए घर के एक-एक कोने को गंगाजल से शुद्ध रखना चाहिए. इससे पितृदेव आशीर्वाद देते हैं.

इसके अलावा काले तिल में गंगाजल की कुछ बूंदें डालकर उसे पितरों को अर्पित करें. शास्त्रों में माना गया है कि घर की दक्षिण दिशा में पितरों का वास होता है. इसलिए इस दिशा में गंगाजल अवश्य छिड़कें. गंगाजल के इन कुछ उपायों को करके आप अपनी कुंडली पर लगे पितृ दोष को खत्म कर सकते हैं.