Nag Panchami 2023: कब है नाग पंचमी? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व

कब है नाग पंचमी?

Nag Panchami 2023: सावन में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाया जाता है। नाग पंचमी के दिन नाग की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि इस साल कब मनाया जाएगा नाग पंचमी का त्योहार और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त? जानें यहां।

सावन का महीना शुरु होते ही तीज और त्योहारों और व्रत की शुरुआत हो जाती है। नाग पंचमी का त्योहार भी इसमें से एक है। हिंदू धर्म में नाग पंचमी का त्योहार सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से नाग देवता की पूजा की जाती है।

वैसे तो प्रत्येक महीने की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाने का विधान है लेकिन इस साल नाग पचंमी का त्योहार कब मनाया जाएगा और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त औरधार्मिक महत्व?

कब है नाग पंचमी?

साल 2023 में नाग पंचमी का त्योहार 21 अगस्त, सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन दो त्योहार एक साथ पड़ रहे हैं। सावन का सोमवारी व्रत और भगवान शिव के प्रिय नाग की पूजा भी इसी दिन ही की जाएगी। इस दिन नाग और सर्प दोनों की पूजा का विधान है और ऐसा माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन सर्प या नाग का दर्शन होना बहुत ही शुभ होता है।

नाग पंचमी के दिन नाग को दूध पिलाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी को नाग देव की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और धन-संपत्ति की वृद्धि होती है।

नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त

नाग पंचमी की तिथि 21 अगस्त को रात 12 बजकर 20 मिनट पर लगेगी और इस तिथि का समापन 22 अगस्त, मंगलवार को रात के 2 बजे होगा। हालांकि नाग पंचमी का त्योहार 21 अगस्त को ही मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त 21 अगस्त 2023, सोमवार को सुबह 5 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर सुबह के 8.30 बजे तक है।

नाग पंचमी का धार्मिक महत्व

नाग को शिव के गले का आभूषण माना जाता है। सावन की नाग पंचमी में नाग की पूजा करने से जीवन सुखमय हो जाता है। नाग देवता की पूजा करने से कुंडली में कालसर्प दोष से भी राहत मिलती है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध पिलाने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा-पाठ करने से घर और परिवार की सांपों से सुरक्षा भी होती है।

नाग पंचमी के उपाय

  • नाग पंचमी के दिन नाग या सर्प को दूध पिलाना चाहिए।
  • नाग देव की हल्दी, कुमकुम, चंदन और रोली से पूजा करें और फिर आरती करें।
  • कुंडली में कालसर्प दोष दूर करने के लिए चांदी से बने नाग-नागिन के जोड़े को बहते पानी में प्रवाहित करें।
  • चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा नाग पंचमी के दिन ब्राह्मण को दान करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और सांप के काटने का डर भी नहीं रहता है।