हर साल दो सूर्य और चंद्र ग्रहण लगते है. साल 2023 का एक सूर्य और एक चंद्र ग्रहण लग चुका है. इसके बाद इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भी बहुत जल्दी लगने जा रहा है. आपको बता दे कि इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगने जा रहा है. इस दिन सर्व पितृ अमावस्या भी है. सूर्य ग्रहण को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी देखा जाता है. इसे सबसे महत्वपूर्ण खगोलीय घटना मानी गई है. चंद्रमा के सूर्य और पृथ्वी के बीच में आने पर जो खगोलीय घटना होती है, उसे सूर्य ग्रहण कहते है.

इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को रात 08 बजकर 34 मिनट से लगेगा. जो रात 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा. माना जा रहा है कि इस बार का ये ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए सूर्य ग्रहण पर कोई सूतक काल नहीं माना जाएगा. ये सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका को छोड़कर कनाडा, जमैका, ब्राजील जैसी कई जगहों पर दिखाई देगा.
आमतौर पर सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटों पहले से ही सूतक काल लग जाता है. जिसमें पूजा-पाठ जैसे मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है. साथ ही इस दौरान भगवान की किसी मूर्ति को भी छेड़ना वर्जित होता है. लेकिन सूतक काल तभी मान्य होता है, जब ग्रहण भारत में दिखाई दें. इसलिए इस बार कोई सूतक काल नहीं लगेगा. क्योंकि इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकता.

चंद्रमा का सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाने पर सूर्य ग्रहण होता है. लेकिन जब पृथ्वी से काफी दूरी से भी चंद्रमा सूर्य और धरती के बीच आता है, तो इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है. इसके चलते चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढ़क पाता है और पृथ्वी से देखने पर सूर्य की बाहरी परत कंगन की तरह चमकती हुई दिखती है. इसलिए इसे कंकणाकृति भी कहा जाता है.