आपने अक्सर ऋषि-मुनियों के हाथों में एक कमंडल देखा होगा, जिसमें वे जल भरकर रखते हैं. कहा जाता है कि ऋषि अपने मंत्रों को ऊर्जा देने के लिए वे अपने पात्र में जल भरते हैं. इसलिए हम सभी के जीवन के साथ शास्त्रों में भी इसका एक विशेष महत्व है. कहते हैं कि पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ाने के दो ही तरीके हैं।
पहला नेगेटिव एनर्जी को कम करके और दूसरा जिसमें कुछ ऐसे सरल उपाय शामिल होते हैं जिससे पॉजिटिव एनर्जी को और बढ़ाया जा सकता है. गौरतलब है कि जब सकारात्मकता बढ़ेगी तो नेगेटिव एनर्जी का संचार खुद ही कम हो जाएगा.

हल्दी और जल चमत्कारी स्त्रोत
विद्वानों का कहना है कि जिस प्रकार हमारे जीवन में जल तत्व का काफी महत्व है. ठीक उसी प्रकार भारतीय चिकित्सा शास्त्र आयुर्वेद में हल्दी का भी उतना ही महत्व है. हर शुभ काम में हल्दी का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा कई बीमारियों में भी हल्दी का उपयोग होता है. जल और हल्दी दोनों में कई तरह के चमत्कारिक गुण मौजूद होते हैं. वहीं हल्दी और जल का जब योग हो जाता है, तो इनकी अलग-अलग शक्ति आपस में मिलकर कई गुना बढ़ जाती है.
पान के पत्ते से करें जल का छिड़काव
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर हल्दी को पानी में घोलकर सुबह उस जल को पान के पत्ते के द्वारा अपने घर में उसका छिड़काव किया जाए, तो इससे काफी अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं. इस उपाय से घरों से ना सिर्फ नकारात्मकता खत्म होती है बल्कि खुशहाली भी आती है.