Navratri 8th Day: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी को पूर्णरूप से समर्पित है. वैसे तो नवरात्रि के नौ दिनों का विशेष महत्व है. लेकिन नवरात्रि की अष्टमी और नवमी का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. मां को सफेद रंग अति प्रिय होता है. यहां तक की मां के वस्त्र और आभूषण भी सफेद रंग के होते हैं. इसके कारण इन माता को श्र्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है.
मां की चार भुजाएं है. दाईं ओर के ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में रहता है. नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है. वहीं बाईं ओर के ऊपर वाले हाथ में मां ने डमरू पकड़ा हुआ है और निचला हाथ वर मुद्रा है. इसके अलावा माता का वाहन वृषभ है. आइए जानते है माता के इस मनमोहक रूप के पीछे की पौराणिक कथा के बारे में.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा दक्ष के भवन में माता सति ने यज्ञ की मुख्याग्नि में छलांग लगाकर अपनी जान दे ली थी. इसके बाद माता ने अपना अगला जन्म हिमालयपुत्री के रूप में लिया. इस जन्म में माता ने भगवान शिव को अपना आराध्य बनाने के लिए हज़ारों वर्ष निराहार होकर तपस्या की. कड़ी धूप, बारिश-तूफान जैसी आपादाओं के चलते मां के शरीर का रंग काला पड़ गया था.
मां की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया. लेकिन सदियों तक अधिक और कठोर तप करते रहने के कारण माता के काले रंग को शिवजी ने स्वयं अपनी जटाओं से बहती गंगा से माता को स्नान कराया. गंगा की धारा माता के शरीर पर पर पड़ते ही माता का रंग अत्यंत गौरा और कांतिमय बन गया. बस तभी से माता को महागौरी का जाने लगा.