ज्योतिषी के मुताबिक, जब किसी जातक की कुंडली में राहु और केतु के बीच में ग्रह कोई आ जाते हैं, तो उससे कालसर्प दोष बनता है. ज्योतिष में काल का मतलब मृत्यु होता है और सर्प को केतु का अधिदेवता माना गया है.
अक्सर कई प्रयासों के बाद भी व्यक्ति अपने जीवन के कई पड़ावों में सफल नहीं हो पाता और उनके जीवन में एक न एक परेशानियां आती रहती है. इसका कारण मनुष्य के जीवन में लगा काल सर्प दोष हो सकता है. तो ऐसे में काल सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए कुछ उपाय है, जिन्हें अपनाने से ये दोष मिनटों में हट सकता है. आइए जानते हैं उसके निवारण के बारे में…
काल सर्प दोष क्या होता है?
हिंदू धर्मग्रंथों में ज्योतिष शास्त्र का काफी अधिक महत्व हैं. इसी ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के ग्रह दोषों के बारे में बताया गया है. जिनमें से एक काल सर्प दोष होता है. जिस मनुष्य के जीवन में ये ग्रह दोष कुंडली बनाकर बैठा होता है उसका कोई कार्य सफल नहीं होता. साथ ही,तरह तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब राहु-केतु किसी व्यक्ति के जन्म के समय कुंडली में बाकी ग्रहों के बीच बैठ जाते हैं, तब उसकी कुंडली में काल सर्प दोष लग जाता है. जो 14 प्रकार के होते हैं. सभी के अलग-अलग परिणाम होते हैं. शनि दोष और मंगल दोष की तरह ही काल सर्प दोष भी काफी दुष्परिणाम देता है.
काल भी उसका क्या बिगाड़ें, जो भक्त हो महाकाल का.

चूंकि भोलेबाबा ने स्वयं अपने कंठ में वासुकी जैसे शक्तिशाली नाग को धारण कर रखा है. तो एक तरह से भोलेबाबा नागों के देवता हुए. इसलिए ये मान्यता है कि काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की आराधना अवश्य करनी चाहिए. इससे कालसर्प दोष का असर काफी हद तक खत्म हो सकता है. यानी जो महाकाल के सच्चे भक्त होते हैं, उनका काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
इस तरह मिलेगी काल सर्प दोष से मुक्ति
- महादेव स्वयं सर्प को अपने गले में धारण करते हैं. महादेव को सप्ताह में सोमवार का दिन समर्पित होता है. ऐसे में सोमवार के दिन उनकी विशेष रूप से पूजा-आराधना करनी चाहिए. जिससे महादेव की कृपा मिले और आपके ऊपर से काल सर्प दोष का प्रभाव खत्म हो जाए.
- सोमवार के दिन विशेष रूप से 108 दाने वाली रुद्राक्ष की माला को लेकर ऊँ नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करने से इसका प्रभाव कम होता है.
- अपने ऊपर से काल सर्प दोष हटाने के लिए पूरे विधान-विधान और पूजा-पद्धति के साथ रुद्राभिषेक कराने से महादेव जल्द ही प्रसन्न होते हैं.
- इसके अलावा प्रदोष का दिन भी महादेव को सबसे प्रिय होता है. इस दिन विधि-विधान से भोलेबाबा की आराधना के साथ उपवास रख कर इस दोष से मुक्ति पाई जा सकती है.
- महामृत्युंजय मंत्र को महामंत्र कहा जाता है. इसलिए ये मान्यता है कि इस मंत्र में काफी अधिक शक्तियां होती है. इस मंत्र के 108 बार उच्चारण के साथ काल सर्प दोष से मुक्ति पाई जा सकती है.