सर्वप्रथम पूजनीय भगवान गणेश का जन्मोत्सव हर साल भाद्रमास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस पर्व को विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी, शिव चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल ये खास पर्व 19 सितम्बर से शुरू होने जा रहा है. इस दिन से ही गणेश चतुर्थी की शुरूआत होती है. जो अनंत चतुर्दशी तक रहेगी. गणेश चतुर्थी के दौरान चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है.

पौराणिक मान्यताओं के हिसाब से भाद्र के महीने में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को चंद्रमा के दर्शन करने से मनुष्य कलंक का भागी बनता है. इसके अलावा उस पर किसी भी चीज को लेकर मिथ्या आरोप भी लग सकते है. इसके पीछे की पुरानी मान्यता ये है कि गणेश चतुर्थी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने भी चंद्रमा को देखा था. इसके चलते उनपर झूठे आरोप लगे थे. इस आरोप से मुक्ति के लिए श्रीकृष्ण ने पूरी विधि-विधान के साथ गणेशजी की पूजा की थी. इसके बाद उन्हें उन झूठे इल्ज़ामों से मुक्ति मिल गई.
ये है वजह-
इसके पीछे ये पौराणिक कथा है कि शिव-गौरी पुत्र गणपति को गज का मुख लगने के बाद उन्होंने सम्पूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा की थी. इस दौरान सभी देवी-देवताओं ने उनकी श्रुति की. लेकिन चंद्र देव अपने खूबसूरती के घमंड के चलते गजानन के अवतार को देख उनका मज़ाक उड़ा रहे थे. उनके अभिमान को तोड़ने के लिए श्रीगणेश ने चंद्रदेव को काले होने का श्राप दे दिया. इसलिए इस चाँद पर काले धब्बे भी सबसे ज्यादा दिखाई देते है. बस इसी वजह से गणेश चतुर्थी के दौरान चाँद को देखने की मनाही है.