गुरु पूर्णिमा का दिन सभी गुरुओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह दिन उन गुरुओं को समर्पित है जो अपने शिष्यों को सही दिशा दिखाते हैं और उनकी सफलता में मदद करते हैं। इस दिन ऋषि वेद व्यास जयंती भी मनाई जाती है। हर वर्ष गुरु पूर्णिमा आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन होती है। इस बार गुरु पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में जानेंगे।

इस साल की गुरु पूर्णिमा तिथि, मुहुर्त और महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को सुबह 01:36 AM बजे से शुरू होगी और 11 जुलाई को सुबह 02:06 AM बजे समाप्त होगा। इसलिए इस साल 2025 में गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी।
- गुरु पूर्णिमा तिथि: गुरुवार, 10 जुलाई 2025
- गुरु पूर्णिमा की तिथि शुरू – 10 जुलाई 2025 को 01:36 AM बजे
- गुरु पूर्णिमा की तिथि समाप्त – 11 जुलाई 2025 को 02:06 AM बजे
सभी गुरुओं का महत्व
ब्रह्मा, विष्णु और शिव को गुरु माना गया है। वह स्वयं परब्रह्म होते हुए भी गुरू हैं। उस गुरु को प्रणाम है। यह बात संस्कृत के एक श्लोक के जरिए भी बताई गई है।
गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्र्वरा।
गुरु साक्षात परब्रह्मा, तस्मै श्री गुरुवे नमः।।

गुरु पूर्णिमा को कहते है वेद व्यास जयंती
गुरु पूर्णिमा को वेद व्यास जयंती या व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। यह महर्षि वेद व्यास के जन्मदिन पर मनाया जाता है। महर्षि वेद व्यास ने महाकाव्य महाभारत की रचना की और उन्हें पहले गुरु का दर्जा दिया गया। उन्होंने ही सबसे पहले वेदों की शिक्षा दी। इसके अलावा उन्हें श्रीमद्भागवत और 20 पुराणों का रचयिता माना जाता है। इस कारण महर्षि वेद व्यास को आदि गुरु कहा जाता है। इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से उनकी पूजा की जाती है।
गुरु पूर्णिमा अपने गुरुओं का आभार व्यक्त करने का दिन है। इस दिन लोग अपने देवताओं और गुरुओं की पूजा करके धन्यवाद अदा करते हैं। मठों और आश्रमों में शिष्य अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और प्रार्थना व्यक्त करते हैं। यदि आप जानना चाहते हैं कि गुरु पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए तो इस दिन गुरु के सिद्धांतों और शिक्षाओं का पालन करने के लिए खुद को समर्पित करना चाहिए।
साथ ही उनके द्वारा दिए गए ज्ञान का उपयोग करना चाहिए। हिंदू संस्कृति में इस दिन विष्णु पूजा का भी महत्व है। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए जिसमें भगवान विष्णु के हजार नामों का वर्णन है। इस शुभ अवसर पर अपनी इंद्रियों पर विजय पाने की कोशिश करें और अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं।