भारत में त्योहारों की धूम चल रही है. वैसे तो भारत में त्योहारों में काफी विविधताएं है. लेकिन दीपावली भारत में मनाए जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है. धनतेरस से दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरूआत हो जाती है. हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस पर्व मनाया जाता है. इस साल 10 नवंबर को धनतेरस पड़ रही है. लेकिन क्या आप जानते है कि धनतेरस किन भगवान को समर्पित है और इसका नाम धनतेरस ही क्यों है? आइए बताते है.

धनतेरस यानी की त्रयोदशी तिथि के दिन धन को समर्पित दिन. धनतेरस का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर को समर्पित है. धार्मिक मान्यतानुसार, धनतेरस श्री विष्णु के 12वें अवतार धन्वंतरि के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद के जनक के नाम से जाना जाता है. प्रचलित पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति हाथ में कलश लिए समुद्र मंथन के दौरान हुई थी.भगान धन्वंतरि की चार भुजाएं है. जिसमें एक हाथ में शंख ले रखा है, दूसरे में कलश, तीसरे हाथ में जड़ी बूटी और चौथे में आयुर्वेदिक ग्रंथ सुशोभित है.
धनतेरस पर खरीदें ये चीजें-
माना जाता है कि धनतेरस के दिन सोने-चांदी के पूजन का विधान है. साथ ही, इस दिन नए चीजें और सोना-चांदी खरीदना भी शुभ माना जाता है. इसके अलावा इस दिन नया बर्तन भी जरूर खरीदना चाहिए. धनतेरस पर झाड़ू और नमक खरीदना भी लाभदायक बताया गया है. इन सबसे मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की कृपा सदैव बनी रहती है.