सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का बड़ा अधिक महत्व माना गया है. सदियों से चली आ रही धार्मिक मान्यताओं के आधार पर पूर्णिमा तिथि के दिन पवित्र नदियों में स्नान दान करना काफी शुभ माना गया है. इसके साथ ही सूर्य देवता को अर्घ्य देने का भी विधान है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 26 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट से होगी. जिसका समापन अगले दिन 27 नवंबर की दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर होगा. इसके चलते कार्तिक मास की पूर्णिमा 27 नवंबर को मनाई जाएगी. इस दिन गंगा स्नान का काफी महत्व माना गया है. क्या आप जानते है कि कार्तिक मास को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते है.

कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर का विनाश किया था. इस दिन को देव दिपावली के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय था जब त्रिपुरासुर नाम के किसी असुर ने अपने आतंक से समस्त धरतीलोक और देवलोक को प्रभावित कर रखा था. त्रिपुरासुर के इस आतंक से सभी देवगण बेहद परेशान थे. इस ही समस्या के समाधान के लिए सब मिलकर भोलेनाथ की शरण में पहुंचे और उनसे सहायता की गुहार लगाई. जिसके बाद भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर का विनाश कर सभी देवताओं को उससे मुक्ति दिलाई. इस खुशी में देवगण ने पूरे देवलोक और भोलेनाथ की नगरी काशी में दीप प्रज्जवलित किए. तभी से कार्तिक मास की पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाने लगा.