नवरात्रि यानी की नौ दिन. साल में दो नवरात्रि आती हैं. जिसमें से शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है. हिंदुओं के लिए नवरात्रि के नौ दिनों के कई मायने है. इन नौ दिनों में मां दूर्गा के नौ स्वरूपों को पूजा जाता है. जो सशक्त नारी शक्ति का प्रतीक होता है. हर दिन माता के अलग रूप का पूजन होता है. हर राज्यों में नवरात्रि मनाने का ढ़ंग अलग और काफी आकर्षक है. देशभर में नवरात्रि की तैयारियां महिनों पहले से होने लग जाती है.
शारदीय नवरात्रि हर साल अश्र्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को आती है. इसलिए इस साल ये नवरात्रि 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक मनाई जाएगी. वहीं, इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगने जा रहा है. यानी कि नवरात्रि के शुभ दिन की शुरूआत ग्रहण के साए के साथ होगी.

हिंदु पंचांग के मुताबिक, नवरात्रि की शुरूआत 14 अक्टूबर को ही रात को 11:24 बजे हो जाएगी. ये समय ही सूर्य ग्रहण का भी होगा. सूर्य ग्रहण की बात करें तो, ग्रहण भी 14 अक्टूबर की ही रात 8 बजकर 34 मिनट से देर रात 2 बजकर 25 तक चलेगा. ऐसे में सबके मन में इसको लेकर कई सवाल उठ रहे है कि ग्रहण के साय से नवरात्रि के शुभ दिनों की शुरूआत कैसे कर सकते है?
बता दे कि विद्वान ज्योतिषों का कहना है कि नवरात्रि की शुरूआत भले ही सूर्यग्रहण के साथ हो, लेकिन सूर्य ग्रहण का नवरात्रि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. नवरात्रि के पहले दिन में घटस्थापना करने की परंपरा चली आ रही है. ऐसे में सूर्यग्रहण लगने के कारण कलश को ग्रहण खत्म होने के बाद ही स्थापित कर सकेंगे.

कलश को स्थापित करने से पहले खास ध्यान दें इन विशेष बातों का-
- ग्रहण को दूषित काल माना गया है. इसलिए ग्रहण खत्म होने के साथ ही पूरे घर में गंगाजल छिड़क कर घर को शुद्ध अवश्य करें. साथ ही, तुलसी माता के पौधे पर भी गंगाजल छिड़कें.
- पूरे घर की शुद्धि के बाद स्नान करते ही साफ कपड़े धारण कर लें.
- घर की और खुद की शुद्धि के बाद ही पूरे विधि-विधान के साथ शुभ मुहूर्त पर घटस्थापना करें.

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त-
नवरात्रि 2023 की शुरूआत 14 अक्टूबर को ग्रहण लगने के साथ होगी. ग्रहण के कारण घटस्थापना इसके खत्म होने के बाद ही करनी होगी. ऐसे में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त अगले दिन 15 अक्टूबर को सुबह 11:44 बजे का है. इस शुभ मुहूर्त का समापन दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर होगा.