भारत में त्योहारों की धूम चल रही है. सभी त्योहारों में सबसे ज्यादा महत्व दीपावली यानी दीप के त्योहार को दिया जाता है. हर साल कार्तिक माह के कृष्णपक्ष को दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. दीपावली से एक दिन पहले यानी की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाई जाती है. जिसे नरक एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, छोटी दिवाली के अवसर पर घी या तेल के दिये को घर की इस जगह रखने से घर की सारी दरिद्रता दूर हो जाएगी. आइए बताते है.
छोटी दिवाली को भगवान कृष्ण की नराकासुर नामक असुर पर जीत की खुशी में मनाया जाता है. इतना ही नहीं, इसके साथ-साथ श्री कृष्ण ने नरकासुर के कैद में बंद 16,000 स्त्रियों को भी मुक्त कराया था. इसी बुराई पर अच्छाई की जीत के चलते छोटी दिवाली का त्योहार बड़े धूमधाम के साथ घरों में घी या तेल के दीये जलाकर मनाया जाता है.
इस जगह रखें दीप-
इसी कारण दिवाली के कुछ दिनों पहले से ही घरों की सफाई की जाती है. अथवा दीये जलाए जाते है. ताकि घर से जितनी भी नकारात्मकता और दरिद्रता है वो सब नष्ट हो जाए और देवी लक्ष्मी का आगमन हो. ऐसे में यदि छोटी दिवाली के दिन घर की नाली के पास घी या तेल का दीया रखा जाए, तो नरकासुर नाम जैसे राक्षसों की नकारात्मकता घरों से नष्ट हो जाती है. क्योंकि घर में नाली से ही गंदगी का संशय होता है. इसलिए ज्यादा नकारात्मकता नाली के पास होती है.
इसके चलते यदि नाली के पास दीया जलाकर रखा जाए, तो घर की बची-कुची सारी नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता नष्ट होती है. साथ ही जहां गंदगी का अंबार और कुड़ा-करकट होता है, वहां पुराना या पहले इस्तेमाल में लाया हुआ दीया जलाने से नकारात्मकता उस जगह को छोड़ देती है.इसलिए छोटी दिवाली पर नाली या गंदगी की जगह पुराना दीया अवश्य जलाएं.