कल से नवरात्रि का शंखनाद होने जा रहा है. मातारानी के भक्तों के लिए नवरात्रि के नौ दिन बेहद विशेष होते हैं. महीनों पहले से ही नवरात्रि की धूम देखने को मिलती है. जगह-जगह मातारानी के भव्य पंडालों का आयोजन किया जाता है. पंडालों में मातारानी की अद्भूत सी प्रतिमा लगाई जाती है. इसके अलावा भारत के सभी मंदिरों में भी नवरात्रि की तैयारियां अपने चरम पर रहती है.
इस दौरान माता के दर्शन के लिए उनके भक्तों की मंदिरों में लंबी कतारें लगी रहती हैं. इन दिनों माता शक्ति के 51 शक्तिपीठों में भी अलग ही रौनक देखने को मिलती है. इसके अलावा इस पर्व की चमक न केवल भारत, बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी देखने को मिलती है. ये सुनकर आप हैरान हो गए होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है. तो इसके लिए आपको बता दे कि माता के 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ पाकिस्तान में मौजूद है.

दरअस्ल आज़ादी से पहले पाकिस्तान भी भारत में ही शामिल था. परंतु हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान भारत कई ऐसे मंदिर थे, जो पाकिस्तान का हिस्सा बन गए. उन कुछ मंदिरों में से एक माता शक्ति का शक्तिपीठ था. मातारानी की ये शक्तिपीठ हिंगलाज शक्तिपीठ के नाम से जानी जाती है.
हिंगलाज शक्तिपीठ माता की 51 शक्तिपीठों में से एक जानी जाती है. इस शक्तिपीठ को 51 शक्तिपीठ में से पहला स्थान और ऊंचा दर्जा प्राप्त है. बता दे कि ये मंदिर पाकिस्तान स्थित ब्लूचिस्तान के हिंगोल नदी किनारे मौजूद है. इस मंदिर में माता की मिट्टी की बनी प्रतिमा भी विराजमान है.