Navratri 4th Day: नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्मांडा की पूजा की जाती है। 18 अक्टूबर को नवरात्रि में चौथे दिन माँ कूष्मांडा का दिन है। नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों की उपासना की जाती है। माना जाता है कि माँ की कृपा जिस भक्त पर बनी रहती है, उसकी जिंदगी की मुश्किलें दूर होने लगती है।
माँ कूष्मांडा की पूजा का मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त – 4.42 एएम से 5.32 एएम तक
- प्रात: सन्ध्या – 5.07 एएम से 6.22 एएम तक
- अभिजित मुहूर्त – 11.44 एएम से 12.29 पीएम तक
- विजय मुहूर्त – 2.01 पीएम से 2.47 पीएम तक
- गोधूलि मुहूर्त – 5.51 पीएम से 6.16 पीएम तक
- सायाह्न सन्ध्या – 5.51 पीएम से 7.06 पीएम तक
- अमृत काल – 10.17 एएम से 11.58 एएम तक
माँ कूष्मांडा का पसंदीदा रंग – पीला रंग
कूष्मांडा मां का पसंदीदा फूल – गुलाब और कमल
कूष्मांडा मां का पसंदीदा भोग – हलवा, दूध की खीर, मालपूआ
कूष्मांडा मां का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्मांडा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
कूष्मांडा माँ की पूजा विधि
माँ कूष्मांडा की पूजा करते समय पीले रंग का वस्त्र धारण करें। उसके बाद देवी माँ को पीला चंदन लगाएं। कुमकुम, मौली, अक्षत चढ़ाएं। इसके बाद दुर्गा सप्तशती या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। साथ में ऊँ कुष्माण्डायै नम: मंत्र की एक माला जाप करें। इस दिन पूजा में देवी को पीले वस्त्र, पीली चूड़ियां और पीली मिठाई अर्पित करें। माँ कूष्मांडा को मालपूए का भोग लगाएं।