हरियाली तीज के दौरान बहू अपनी सास को क्यों देती है बायना? जानिए कारण और महत्व

जानिए हरियाली तीज के दौरान बहू अपनी सास को क्यों देती है बायना?

सनातन धर्म में हरियाली तीज के पर्व के साथ सभी त्योहारों का आगाज़ हो जाता है. हिंदु महिलाओं के लिए इस तीज का काफी महत्व है. अक्सर ज्यादातर लोगों को हरियाली तीज और हरतालिका तीज एक ही लगती है. लेकिन ये दोनों पर्व एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं. हरियाली तीज का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है.

जानिए हरियाली तीज के दौरान बहू अपनी सास को क्यों देती है बायना?

इस साल हरियाली तीज का यह पर्व 19 अगस्त 2023 यानि कि शनिवार के दिन पड़ रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज का पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है. इस पर्व में एक परंपरा बेहद लंबे समय से चली आ रही है, जिसमें बहू अपनी सास को बायना देती है. आइए जानते हैं क्या होता है बायना और क्या है इसका महत्व?

हरियाली तीज का बायना क्या होता है?

  • -धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जो भी व्यक्ति पूजा या व्रत के समय दान के लिए जो सामग्री निकालता है उसी को बायना कहा जाता है.
  • -वैसे तो पूजा-पाठ के बाद बायना पुजारी को देने की परंपरा है, परंतु तीज के त्योहार वाला बायना सास और नंद को दिए जाते हैं.

क्यों दिया जाता है बायना?

  • प्रचलित मान्यता के अनुसार, जो भी बहू अपनी सास या नंद को बायना देती है, उनके बीच का रिश्ता मजबूत और गहरा होता है.
  • बायना देने से सास-बहू के संबंध में मधुरता आती है. पारिवारिक शांति बनी रहती है, घर में खुशियां आती है.