बप्पा का खास दिन चल रहा है. गणेशोत्सव के 10 दिन बप्पा के लिए काफी खास माने जाते है. गणेश चतुर्थी के दिन लोग बप्पा को अपने घर बड़ी धूमधाम और आदर-सत्कार के साथ लेकर आते है. इसके बाद पूरे विधि-विधान के साथ बप्पा को सभी विदा करते है.
हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी के साथ गणेशोत्सव का आरंभ होता है. 10 दिनों के गणेशोत्सव के दौरान चारों ओर ढ़ोल-नगाड़े का सुनाई देता है. साथ ही, हर कोई गणपति बप्पा के रंग में रंगा होता है. गणेशोत्सव की शुरूआत गणेश चतुर्थी से होकर अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होता है. सभी भक्त अपनी-अपनी मान्यताओं अनुसार बप्पा का जल में विसर्जन करते हैं.

23 सितम्बर 2023 को गणेशोत्सव का पांचवां दिन हैं. अधिकतर लोग बप्पा को पांचवें दिन पर ही विसर्जित करते हैं. लेकिन पांचवे दिन बप्पा को विसर्जित करने से पहले विसर्जन का शुभ मुहुर्त जान लीजिए. ताकि उच्च समय रहते बप्पा का विसर्जन हो सकें.
शुभ मुहुर्त-
गणेशोत्सव के पांचवे दिन यानी 23 सितम्बर को गणपति बप्पा के विसर्जन के लिए सुबह का शुभ मुहुर्त 07 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर सुबह 09 बजकर 12 मिनट तक का है. वहीं, अपराह्न मुहुर्त 12 बजकर 13 मिनट से 04 बजकर 46 मिनट तक का है. शाम के समय बप्पा को विसर्जित करने का शुभ मुहुर्त 06 बजकर 17 मिनट से लेकर 07 बजकर 46 मिनट तक का है. वहीं रात की बात की जाए, तो रात 09 बजकर 15 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 24 सितम्बर सुबह 01 बजकर 43 मिनट का शुभ मुहुर्त माना जा रहा है.