Falgun Amavasya 2024 Date: सनातन धर्म में माना गया है कि स्नान दान करने से पुन्य मिलता है। स्नान दान करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कहा जाता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने का भी विधान है और इससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। फाल्गुन माह में आने वाली अमावस्या पर कुछ ऐसे मंत्र हैं जिनका जाप करने से पितृ दोष से भी मुक्ति मिल जाती है।
इस बार फाल्गुन के महीने में अमावस्या 9 मार्च शाम 6 बजे से 10 मार्च होपहर 2 बजे तक रहने वाली है।
पितृ दोष से बचाव का मंत्र
ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि।
शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्’
कहा जाता है कि किसी भी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो उसे इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। कम से कम 108 बार किया गया जाप फलदायक होता है। इस मंत्र का जाप करने से पितृ दोष से जल्द से जल्द निजात पाया जा सकता है।
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्
कहा जाता है कि अमावस्या के दिन नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव काफी ज्यादा होता है। ये मानव जीवन पर काफी हद तक प्रभाव डालता है। उन नेगेटिव एनर्जी से बचने के लिए अमावस्या के दिन गायत्री मंत्र का जाप करना बेहद फलदायी माना जाता है।
ॐ कुल देवताभ्यो नमः।
पितर देव को अमावस्या का स्वामी माना गया है। इस बार फाल्गुन माह में इस मंत्र का जाप करना अधिक जरूरी है। इस मंत्र का जाप करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद सदैव आपके ऊपर बना रहता है। आप भी जानते हैं कि जीवन में बड़ों का आशीर्वाद मिलता है तो सुख समृद्धि बनी रहती है।
अयोध्या मथुरा, माया, काशी कांचीअवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेयाः सप्तैता मोक्ष दायिका
इस मंत्र के भी बहुत महत्व है। कहा जाता है कि अमावस्या के दिन स्नान करते समय इस मंत्र का जाप करने वाला व्यक्ति जन्म-मरण चक्र से मुक्ति प्राप्त कर लेता है। कहा जाता है कि इस मंत्र का जाप करने वाला व्यक्ति सीधा बैकुंठ लोक ही जाता है।
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदा सिंधु कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू
अमावस्या के दिन अगर आप गंगा में स्नान नहीं कर पाते हैं तो किसी भी नदी में स्नान करते समय इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से तीर्थ में स्नान करने के समान पुण्य मिलता है और व्यक्ति के सभी पाप धूल जाते हैं।