Navratri ke Mantra: नवरात्र शुरू हो चुके हैं। सभी भक्त माता रानी की पूजा पाठ में जोरों शोरों से लगे हुए हैं। कहा जाता है कि चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा और उनके स्वरूपों के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर ही आदिशक्ति अपने नौ रूपों में प्रकट हुई थीं। ऐसे में माता रानी की सच्चे मन से पूजा करके मन चाहे फल की प्राप्ति की जा सकती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि मां दुर्गा के नौ रूपों के लिए कौन-कौन से मंत्र का उच्चारण किया जाए।
- मां शैलपुत्री के मंत्र
नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री का होता है। इस दिन माता शैलपुत्री की पूजा अराधना की जाती है। माना जाता है कि माता शैलपुत्री की पूजा धन, रोजगार और स्वास्थ्य के लिए की जाती है।
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः
प्रार्थना मंत्र –
वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
- मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र
वहीं नवरात्रि का दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी का होता है। कहा जाता है कि माता ब्रह्मचारिणी की पूजा से कई सिद्धियों की प्राप्ति हो सकती है।
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
प्रार्थना मंत्र –
दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
- मां चंद्रघण्टा के मंत्र
बात यदि नवरात्रि के तीसरे दिन की हो, तो इस दिन मां चंद्रघण्टा की पूजा की जाती है। देवी का यह स्वरूप संतुष्टि की देवी के रूप में पूजा जाता है।
ॐ देवी चंद्रघण्टायै नमः
प्रार्थना मंत्र –
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
- मां कूष्माण्डा के मंत्र
वहीं नवरात्रि का चौथा दिन कुष्मांडा देवी को समर्पित है। कहा जाता है कि माता रानी के इस स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को किसी भी प्रकार का डर नहीं सताता है। इसके साथ ही कई प्रकार के लाभ देखने को मिलते हैं।
ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः
प्रार्थना मंत्र –
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
- मां स्कन्दमाता के मंत्र
नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कन्दमाता की पूजा की जाती है। माता पार्वती कार्तिकेय की मां हैं और कार्तिकेय का एक नाम स्कंद भी है। इसलिए इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। इनकी पूजा करने से भक्तों को अनेक लाभों की प्राप्ति होती है।
ॐ देवी स्कन्दमात्र्यै नमः
प्रार्थना मंत्र –
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
- मां कात्यायनी के मंत्र
वहीं नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है, यह स्वरूप मां दुर्गा का छठां स्वरूप है। इनकी आराधना करने से किसी भी प्रकार के रोग, शोक, संताप आदि से निजात मिलता है।
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः
प्रार्थना मंत्र –
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
- मां कालरात्री के मंत्र
वहीं दुर्गा मां का सातवां स्वरूप है- मां कालरात्रि। नवरात्रि में सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। देवी के इस स्वरूप की पूजा अलौकिक शक्तियों, तंत्र सिद्धि, मंत्र सिद्धि आदि के लिए की जाती है। मां कालरात्रि रात के समय हमारे घर की रक्षा करती हैं और काल का विनाश करती है।
ॐ देवी कालरात्र्यै नमः
प्रार्थना मंत्र –
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
- मां महागौरी के मंत्र
मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है महागौरी का। इनकी पूजा करने से आत्मा को पवित्रता और स्वच्छ मन की प्राप्ति होती है।
ॐ देवी महागौर्यै नमः
प्रार्थना मंत्र –
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
- मां सिद्धिदात्री के मंत्र
मां दुर्गा का नौवां रूप है मां सिद्धिदात्री का। हर तरह की सफलता के लिए मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है।
ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः
प्रार्थना मंत्र –
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥