क्यों किया जाता है गणपति बप्पा को विसर्जित?

क्यों किया जाता है गणपति बप्पा को विसर्जित?

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना जाता है. किसी भी नए काम की शुरूआत भी बिना गणेश जी के नाम के नहीं किया जाता. भगवान गणेश को बुद्धि के देवता के रुप में भी जाना जाता है. भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी के साथ 10 दिन के गणेश महोत्सव की शुरूआत की जाती है.

क्यों किया जाता है गणपति बप्पा को विसर्जित?

भगवान गणेश को पूरे धूमधाम के साथ लोग अपने घर लाना पसंद करते है. गणेश उत्सव के दौरान चारों ओर तरह-तरह के गुलाल रंग दिखाई देते है और ढ़ोल-नगाड़े सुनाई देते है. गणेश उत्सव के निश्चित समय पर बप्पा को विसर्जित कर उन्हें अलविदा किया जाता है. लेकिन क्या आपको ये पता है कि बप्पा को विसर्जित क्यों किया जाता है?  अगर नहीं पता, तो आइए हम आपको बताते है इसके पीछे की पौराणिक कथा.

हर घर में बप्पो को स्थापित करने के लिए हर कोई पहले से काफी उत्साहित रहता है. घर में बप्पा का आगमन बड़े धूमधाम से किया जाता है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति 10 दिनों तक गणपति की अच्छे से सेवा करते है और उनकी खातिरदारी करते है, तो बप्पा उनसे जल्द ही प्रसन्न होते है. बप्पा अपने भक्तों के सारे विघ्न हर लेते है. इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता का दर्जा भी दिया गया है.

क्यों किया जाता है गणपति बप्पा को विसर्जित?

अनंत चतुर्दशी के दिन गणपत्ति बप्पा को पूरे विधि-विधान के साथ जल में विसर्जित किया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार ये कहा जाता है कि वेद व्यास जी ने महाभारत ग्रंथ लिखने के लिए गणेश जी को चुना था. इस दौरान वेद व्यास अपनी आंखें बंद करके गणेश जी को कथा सुनाते है और गणपति बप्पा वो कथा अपने हाथों से लिखते हैं.

लगातार 10 दिनों तक गणेश जी ने वो कथा लिखी थी, जिससे उनके शरीर का तापमान काफी बढ़ गया था. इसलिए 10 दिनों बाद महाभारत पूरी लिखी जाने के बाद वेद व्यास ने गणेश जी को तालाब में स्नान कराया था. तभी से गणपति विसर्जन की प्रथा चली आ रही है.