भारत-पाकिस्तान के बीच की कड़वाहट से हर कोई बहुत अच्छे से वाकिफ़ है. हिंदुस्तान की आज़ादी के दौरान भारत को भारत-पाकिस्तान बंटवारा भी देखना पड़ना. बंटवारें के समय लाखों की संख्या में मासूमों की जान भी गई. इसके साथ-साथ भारत की काफी संपत्तियों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा. ये मंजर बेहद दर्दनाक था. बंटवारे के दौरान पाकिस्तान की ज़मीन पर बने हिंदु मंदिरों को बंद करवा दिया गया था. हालांकि उन कुछ मंदिरों को बाद में खुलवा दिया गया था. वहीं, कई मंदिरों को तरह-तरह की इमारतों में बदल दिया गया था. आज हम पाकिस्तान के ही उस प्राचीन हिंदू मंदिर की बात करेंगे जो बंटवारे के समय से लेकर उसके 72 सालों के लंबे समय के खुला है.

पाकिस्तान का ये प्राचीन हिंदू मंदिर सियालकोट में स्थित है. इस हिंदू मंदिर का नाम शिवाला तेजी सिंह है. लेकिन जब इस 72 साल पुराने मंदिर के दरवाज़ों को खोला गया, तो इस मंदिर में कुछ ऐसा देखने को मिला जिससे हर किसी की आंखें खुली रह गईं.
इस मंदिर की मजबूत दिवारों और खूबसूरती को देखकर कोई ये नहीं कह सकता कि ये मंदिर सालों से बंद था. इस मंदिर के बड़े-बड़े पत्थरों पर शानदार नक्काशी की गई है. ये नक्काशी इतनी खूबसूरती और सफाई के साथ कर रखी है कि ये मंदिर में चार चाँद लगा देती है.
इस मंदिर की चौका देने वाली बात ये है कि 72 सालों के लंबे समय से बंद रहने के बावजूद भी इस मंदिर की दिवारों का कुछ नहीं बिगड़ा है. ये अभी भी इतनी ही आकर्षक है जितनी पहले थी. इस मंदिर को 2019 में तब के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुलवाया था. इसमें देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना करवाई गई. इतनी ही नहीं, बल्कि इस मंदिर में अब पूजा-पाठ भी फिर से शुरू हो गई है.