अयोध्यानगरी का अनूठा मंदिर, जो खुलता है केवल एकादशी के दिन

अयोध्यानगरी का अनूठा मंदिर, जो खुलता है केवल एकादशी के दिन

अयोध्या नगरी प्रभुराम के जन्म से लेकर उनके सरयु में समा जाने की साक्षी है. अयोध्या का कोना-कोना केवल भगवान राम का गान गाता है. आज वर्षों बाद प्रभु राम का अपनी उसी अयोध्या नगरी में एकबार फिर आगमन हो चुका है. श्रीराम की जन्मभूमि होने के कारण अयोध्या का एक-एक स्थान महा तीर्थ जैसा है. इसी जगह आज देश का सबसे भव्य राम मंदिर का निर्माण कराया गया है. जिसमें प्रभु के राघव स्वरूप यानी बालस्वरूप को विराजित किया गया है. लेकिन अयोध्या, बरसों से कई पौराणिक मंदिरों की साक्ष्य भी है. जो भगवान राम की लीलाओं का स्मर्ण कराती है. आज भी कई मंदिर इस रामनगरी में त्रेतायुग से बसे हुए है. उन्हीं में से एक मंदिर ऐसा है, जो सिर्फ एकादशी के दिन ही विशेषरूप से दर्शन के लिए खोला जाता है. यानी महीने में सिर्फ दो बार. आइए जानते हैं, ऐसा कौनसा मंदिर है. जिसके दर्शन का सौभाग्य भक्तों को केवल दो दिन ही मिल सकता है.

अयोध्या की राम की पैड़ी के पास मौजूद स्वर्ग द्वार स्थित त्रेता का ठाकुर मंदिर.100 फीट ऊंचे शिखर का ये मंदिर नागर शैली की वास्तुकला से बना है. जिसके प्रांगण में एक कुंड है.

अयोध्यानगरी का अनूठा मंदिर, जो खुलता है केवल एकादशी के दिन

इस मंदिर को लेकर ये मान्यता है कि ये त्रेता युग की वही जगह है, जहां भगवान राम ने स्वयं अश्वमेघ यज्ञ किया था. लेकिन ये मंदिर केवल महीने में 2 बार ही एकादशी के विशेष दिवस पर खुलता है. त्रेता के ठाकुर मंदिर के गर्भग्रह में रामदरबार यानी प्रभु राम के साथ माता सीता, भ्राता लक्ष्मण, हनुमान समेत कई पौराणिक देवताओं की मूर्तियां विद्यमान हैं.

एकादशी के दिन इस मंदिर में दीपक प्रज्वल्लित करने की विशेष मान्यता है. कहा जाता है कि हर एकादशी यहां दीप जलाने से मनुष्य की मनवांछित इच्छा पूर्ण होती है.