भीम की गदा से बनी थी यहां झील, महादेव का किया जलाभिषेक

भीम की गदा से बनी थी यहां झील, महादेव का किया जलाभिषेक

उत्तराखंड के नैनीताल से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भीमेश्वर महादेव मंदिर है. जो भीमताल डांठ से सटा हुआ है. भीमताल अपनी सुंदर झीलों के लिए जाना जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना स्वयं पांडवों द्वारा की गई है. यहां महाभारतकालीन कई प्राचीन मूर्तियां भी विद्यमान हैं. भीमेश्वर महादेव मंदिर में एक प्राचीन शिवलिंग विद्यमान है. जिसकी स्थापना स्वयं पांडवों ने की थी. इस मंदिर को लेकर ये मान्यता है कि यहां मांगी हर मुराद अवश्य पूरी होती है. भीमेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग के अलावा हनुमान, शनिदेव और देवियों की प्रतिमाएं भी विद्यमान है.

भीम की गदा से बनी थी यहां झील, महादेव का किया जलाभिषेक

पौराणिक कथाओं के अनुसार, पांडवों ने इस मंदिर की स्थापना तब की, जब वो एक वर्ष के अज्ञातवास पर थे. जिस समय पांडव महादेव की शिवलिंग स्थापित करना चाह रहें थे. उस समय चारों ओर केवल जंगल था. जिस वजह से पानी की एक बूंद भी वहां कहीं नहीं थी. शिवलिंग स्थापित करने के लिए पांडवों को पानी की आवश्यकता थी. दूर-दूर तक कहीं पानी न मिलने के कारण भीम ने उस जगह अपना गदा मारकर झील उत्पन्न की थी. इसी झील को आज भीमताल झील के नाम से जाना जाता है. उस झील के जल से ही पांडवों ने महादेव की शिवलिंग का जलाभिषेक किया था.

आज जो कोई भक्त सच्चे मन से महादेव की आराधना कर उनसे कुछ मुराद मांगता है, उसकी मांग महादेव अवश्य पूरी करते हैं. इसको लेकर यहां के स्थानीय लोगों में भी काफी मान्यता है. भीमताल घूमने आने वाले पर्यटक भी भीमेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करने के लिए अवश्य आते हैं. महादेव के प्रिय दिवस जैसे सावन, सोमवार या शिवरात्रि के खास अवसर पर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है.