हल्द्वानी स्थित भोलेनाथ के प्राचीन मंदिर में सभी भक्तों की  मुरादें होती है पूरी!

हल्द्वानी शहर में स्थित भोलेनाथ का प्राचीन मंदिर, सभी भक्तों की  मुरादें होती है पूरी!

भारत के उत्तराखंड को देवनगरी का दर्जा दिया गया है, क्योंकि यह देवों की पवित्र नगरी है.  उत्तराखंड देवी-देवताओं के प्राचीन मंदिरों का केंद्र है. यह हरिद्वार जैसी कई पवित्र तीर्थ-स्थलों के लिए जाना जाता है. खासतौर से इस जगह भोलेनाथ के कई तीर्थ-स्थल हैं. जिसमें से एक मंदिर हल्द्वानी के मंगल पड़ाव में स्थित है, जो काफी प्राचीन है. कहा जाता है कि यहाँ जो भी शिव भक्त आता है, उसकी मुराद अवश्य पूरी होती है. यह शिव मंदिर लगभग 100 से 150 साल पुराना है. यहां हर सोमवार और शनिवार को भक्तों का तांता लगा रहता है.

पौराणिक कथाओं में, उत्तराखंड को कई देवी-देवताओं का निवास स्थल बताया गया है. यही वजह है कि इसे देवभूमि के नाम से पुकारा जाता है. शिव का यह मंदिर अपनी प्राचीनता के लिए जाना जाता है. यहां शनिदेव, कुबेर समेत कई देवी-देवताओं के मंदिर भी हैं. इस मंदिर के बड़े पंडितों का कहना है कि अटूट आस्था के इस मंदिर में महाशिवरात्री पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है. इसके साथ ही साल भर मंदिर परिसर में श्रीमद्भागवत कथा समेत अन्य धार्मिक कार्यक्रमों से वातावरण भक्तिमय रहता है. इस मंदिर की महिमा दूर-दूर तक फैली हुई है.

हल्द्वानी शहर में स्थित भोलेनाथ का प्राचीन मंदिर, सभी भक्तों की  मुरादें होती है पूरी!

150 साल पुराना है यह शिव मंदिर

भगवान शिव का यह मंदिर हल्द्वानी शहर में मंगल पड़ाव के पास स्थित है. इसकी खासियत है कि यह मंदिर शहर के बीचों बीच स्थित है. मंदिर में लोगों का अटूट विश्वास और श्रद्धा है. जो भी भक्त इस प्राचीन मंदिर में आता है, भगवान शिव उनकी मुराद जरूर पूरी करते हैं.