Swaminarayan Jayanti: कब है स्वामीनारायण जयंती, जानिए क्या होगी पूजा की विधि

स्वामीनारायण जयंती

हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर स्वामीनारायण जयंती (Swaminarayan Jayanti 2024) मनाई जाती है। इस दिन हिंदू धर्म के लोग भक्ति और बेहद उत्साह के साथ मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि श्री स्वामीनारायण का जन्म चैत्र माह की राम नवमी तिथि को हुआ था। स्वामीनारायण ने सनातन धर्म का संदेश दुनिया भर में फैलाया और आज भी उनकी शिक्षाएं दुनिया भर में कई लोगों को प्रेरित करती हैं।

स्वामीनारायण जयंती उत्सव अनुष्ठान स्वामीनारायण जयंती के दिन, भक्त श्री स्वामीनारायण की पूजा करते हैं और धूप-दीप, सुगंध, फूल, फल और मिठाई चढ़ाते हैं। श्री स्वामीनारायण आरती घर और स्वामीनारायण मंदिरों में की जाती है। कई भक्त स्वामीनारायण जयंती के दिन निर्जला उपवास भी रखते हैं।

जन्म

भगवान स्वामीनारायण का जन्म अयोध्या के पास छप्पय गांव में 3 अप्रैल 1781 को चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन हुआ था। इसकी वजह से राम नवमी के दिन उनकी जयंती मनाई जाती है।

पैरों में कमल चिन्ह

स्वामीनारायण जी को सहजानंद स्वामी के नाम से भी जाना जाता है। उनके पिता का नाम श्री हरिप्रसाद व माता का नाम भक्तिदेवी था। उन्होंने स्वामीनारायण जी का नाम घनश्याम रखा था। कहा जाता है कि भगवान स्वामीनारायण के पैर में कमल का चिन्ह था, जिसे देखकर ज्योतिषियों ने कहा कि यह बालक लाखों लोगों के जीवन को सही दिशा देगा।

स्वामीनारायण जयंती पूजा विधि

1.स्वामीनारायण जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए।
2.इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र कपड़े धारण करें।
3.भगवान स्वामीनारायण की मूर्ति को सजाएं और उन्हें विराजमान करें।
4.इसके पश्चात भगवान स्वामीनारायण को चावल, कुमकुम और फल अर्पित करें।
5.देशी घी का दीपक जलाकर पूजा-अर्चना करें।

स्वामी नारायण जयंती का महत्व

भगवान स्वामीनारायण ने जीवन में सदैव सत्य और अहिंसा के नियमों का पालन किया। मान्यता है कि भगवान स्वामीनारायण की मां भक्ति माता उनके घनश्याम के नाम से पुकारती थीं और उनके पिता भगवान स्वामीनारायण को धर्मदेव कहा करते थे।