बिहार के कुछ प्रसिद्ध शक्तिपीठ जहाँ पर पूजा से मिलता है मनचाहा फल

बिहार के कुछ प्रसिद्ध शक्तिपीठ

बिहार में स्थित कुछ प्रसिद्ध शक्तिपीठ बिहार जिसे ज्ञान और संस्कृति की भूमि कहा जाता है। यहाँ पर कई प्रसिद्ध शक्तिपीठ स्थित हैं। शक्तिपीठ वह स्थान होता है जहाँ देवी सती के शरीर के विभिन्न अंग गिरे थे। इन पवित्र स्थलों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। आइए जानते हैं बिहार के कुछ प्रसिद्ध शक्तिपीठों के बारे में और उनकी पूजा पद्धति के विषय में।

1. सिद्धिदात्री स्थान (सिद्धि पीठ):

यह शक्तिपीठ बिहार के बक्सर जिले में स्थित है। यहाँ माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस स्थान पर आने से भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। यहाँ नवरात्रि में विशेष उत्सव मनाए जाते हैं। श्रद्धालु यहाँ अपनी मनोकामनाएँ लेकर आते हैं और माता को फल, फूल और मिठाई अर्पित करते हैं।

2. काली मंदिर, पटना:

पटना में स्थित यह काली मंदिर भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है। यहाँ माता काली की पूजा धूमधाम से की जाती है। विशेषकर नवरात्रि और दुर्गा पूजा के दौरान यहाँ भारी संख्या में भक्त आते हैं। पूजा में माता को नारियल, लाल चुनरी और दूध से अभिषेक किया जाता है। भक्त माँ काली से शक्ति और सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं।

3. भागलपुर का मंदिर:

भागलपुर में स्थित यह शक्तिपीठ देवी कात्यायनी के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ हर साल माघ माह में मेला लगता है जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। पूजा पद्धति में विशेष रूप से हवन और मंत्र जाप किया जाता है। भक्त यहाँ आकर देवी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपनी मनोकामनाएँ पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं।

4. देवी स्थान, गया:

गया में स्थित यह शक्तिपीठ भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहाँ देवी गायत्री की पूजा की जाती है। पूजा पद्धति में विशेष रूप से हवन, पूजा और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है। भक्त देवी को दूध, दही और अन्य श्रद्धा के सामान अर्पित करते हैं।

पूजा पद्धति:

बिहार के शक्तिपीठों में पूजा पद्धति में विशेष ध्यान रखा जाता है। आमतौर पर पूजा के दौरान मंत्रों का उच्चारण, हवन और भोग अर्पित किया जाता है। भक्त अपने मन की इच्छा के साथ माता की आराधना करते हैं। नवरात्रि जैसे पर्वों पर विशेष अनुष्ठान और मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें भक्तजन बड़ी संख्या में भाग लेते हैं। इन शक्तिपीठों की महिमा केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक भी है। यहाँ आकर श्रद्धालु अपने मन की शांति और शक्ति का अनुभव करते हैं। इन स्थलों की यात्रा केवल धार्मिक उद्देश्य से नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा को जानने के लिए भी की जाती है। बिहार के ये शक्तिपीठ न केवल आस्था का केंद्र हैं बल्कि भारतीय संस्कृति की धरोहर भी हैं।