कृतिका नक्षत्र के दिन मासिक कार्तिगाई का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान महादेव और मां पार्वती के नंदन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने का विधान है। दक्षिण भारत में मासिक कार्तिगाई के पर्व को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को लोग दीपम के नाम से भी जानते हैं। यह दिन भगवान कार्तिकेय (मुरुगन )को समर्पित है।
शाम के समय लोग अपने घरों और सड़कों को तेल के दीयों यानी दीपम से रोशन करते हैं। मासिक कार्तिगाई पर संध्याकाल में दीप जलाने से घर में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है। कार्तिकगाई दीपम का नाम नक्षत्र कार्तिकाई या कृत्तिका से लिया गया है।
भगवान कार्तिकेय को लगता है भोग
इस त्यौहार की महिमा इससे ही पता चलती है कि किस प्रकार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भक्त अपने घर को साफ करते हैं और सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करते हैं, उसके बाद पूजा वेदी तैयार की जाती हैं और भगवान मुरुगन की मूर्ति पर पुष्प माला अर्पित की जाती है। तमिलनाडु में अरुणाचल पहाड़ी पर महादीपम की रोशनी एक लोकप्रिय घटना है और भक्त प्रार्थना करने और आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में जाते हैं। इस शुभ अवसर पर पूरी-पकवान समेत मिष्ठान पकाकर महादेव और देवताओं के सेनापति भगवान कार्तिकेय को अर्पित किया जाता है।
घर के मुख्य द्वार पर जलाया जाता है दीपक
शास्त्रों के अनुसार इस दिन मुख्य द्वार पर दीपक जलाना बहुत ही शुभ माना जाता है। अपनी श्रद्धानुसार तेल या घी किसी भी तरह का दीपक जला सकते हैं । इसी के साथ एक विशेष बात का ध्यान रखें कि दीपक मिट्टी का होना चाहिए। इसके पीछे कारण यह है कि जो दीपक घर के मुख्य द्वार पर जलाया जाता है उसे बाहर ही फेंक देते हैं।
आरोग्य जीवन का मिलता है वरदान
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इस दिन, भगवान शिव ने भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा के सामने अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए खुद को प्रकाश की एक अंतहीन लौ में परिवर्तित कर लिया था। मासिक कार्तिगाई तिथि पर शिव मंदिर एवं मठों को भव्य तरीके से सजाया जाता है। इस दिन त्रिलोकीनाथ महादेव की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है।
मासिक कार्तिगाई से जुड़ी विशिष्ट प्रथाएं और अनुष्ठान हिंदू धर्म के विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों में भिन्न हो सकते हैं। जबकि कुछ भक्त सख्त उपवास का पालन करते हैं।
तमिल संस्कृति को दर्शाता है
नए उद्यम शुरू करने, विवादों को सुलझाने और सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद मांगने के लिए यह एक शुभ दिन माना जाता है।कार्तिगाई एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत और भगवान मुरुगन की पूजा का जश्न मनाता है।यह त्यौहार सांस्कृतिक महत्व रखता है, जो तमिल परंपरा और विरासत में गहराई से निहित है। इसका आयोजन तमिल लोगों की समृद्ध सांस्कृतिक छवि को प्रदर्शित करता है।