भारत में लाखों मंदिर हैं. जिनके दर्शन करने लोग दूर-दूर से आते हैं. इनमें से एक मंदिर है बेहड़ वाली माता का. माता चामुंडा का ये मंदिर फिरोजाबाद से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर यमुना किनारे बेहड में स्थित है.
मंदिर के पुजारियों का कहना है कि बेहड़ वाली माता की इस मंदिर का इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना है और यहां अनेकों चमत्कार भी देखने को मिलते हैं. वहीं यह भी सुनने में आता है कि यहां पहले एक संत रहते थे जिनको मां चामुंडा के साक्षात दर्शन हुए थे. इसके बाद माता ने उन्हें मंदिर बनाकर पूजा करने की आज्ञा दी. जिसके बाद यहां मंदिर की स्थापना की गई.
मंदिर में होते हैं अनेकों चमत्कार
कहा जाता है कि उस संत की एक बार टांग टूट गई थी. जिसके बाद वह इस मंदिर पर आए जहां माता की कृपा से उनकी टांग बिल्कुल ठीक हो गई और उसके बाद वह इस मंदिर से कभी नहीं गए. इसके साथ एक और चमत्कार के बारे में सुनने को मिलता है कि एक लड़का था. उसकी आंखों की रोशनी नहीं थी. वह मंदिर में पांच शनिवार लगातार आता रहा और पांचवें शनिवार उसकी आंखों की रोशनी लौट आई.
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यमुना किनारे है यह मंदिर
माता का यह मंदिर सिकहरा गांव के पास बेहड़ में बना हुआ है. बेहड़ में होने के कारण ही इस मंदिर का नाम बेहड़ वाली माता के नाम पर पड़ा.