हिन्दू धर्म भारत और कई अन्य देशों में फैला हुआ है। दुनिया में हिन्दू धर्म के कई प्राचीन मंदिर हैं। अगर भारत की बात करें तो हर गली और चौक पर छोटे से लेकर बड़े मंदिर मिलते हैं। हर मंदिर के अपने नियम होते हैं। कुछ मंदिर अपने नियमों के कारण पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। आज हम एक ऐसे मंदिर की चर्चा करेंगे जो अपने नियमों के लिए बहुत फेमस है। यह अनोखा मंदिर मध्यप्रदेश के इंदौर में है और इसका नाम “निरालाधाम” है।

अद्भुत है बजरंगबली की प्रतिमा
निरालाधाम मंदिर अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए जाना जाता है। यहां हनुमान जी की 51 फीट ऊंची मूर्ति एक 200 फीट ऊंचे स्तम्भ पर स्थित है। यह भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण आस्था का स्थान है। इस मूर्ति में वीर हनुमान भगवान राम और लक्ष्मण को अपने कंधे पर उठाए हुए दिखाया गया है। यह दृश्य उस समय को दर्शाता है जब अहिरावन राम और लक्ष्मण को पाताल ले जा रहा था। वीर हनुमान ने उनकी सुरक्षा की और उन्हें अपने कंधे पर रखकर वापस लाए।
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मंदिर की खासियत
इस मंदिर का एक महत्वपूर्ण नियम है कि भक्तों को भगवान के दर्शन के लिए 108 बार “जय श्री राम” लिखना पड़ेगा। यहां भक्तों को कोई चढ़ावा या प्रसाद ले जाने की आवश्यकता नहीं है। अन्य मंदिरों की तरह, यहां भी 7 पदाधिकारी और 11 सदस्यों की कार्यकारिणी समिति है। लेकिन खास बात यह है कि यहां किसी भी पद पर इंसान नहीं है। ये पद देवी-देवताओं को सौंपे गए हैं। मंदिर के अध्यक्ष अंजनी पुत्र हनुमान हैं और संरक्षक भगवान श्री राम हैं। बाकी पद भोलेनाथ, भगवान कुबेर, यमराज, चित्रगुप्त और विश्वकर्मा के पास हैं।

मंदिर में नही होता कोई आयोजन
इस मंदिर का निर्माण 1990 में इंदौर के वैभवनगर में शुरू हुआ। भक्त दूर-दूर से यहां हनुमान के दर्शन करने आते हैं। मंदिर के हर हिस्से पर राम नाम लिखा है। यहां चौबीस घंटे हनुमान चालीसा का पाठ होता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां कोई आयोजन या प्रतिष्ठा महोत्सव नहीं मनाया जाता। इसके अलावा, मंदिर में रावण, कुंभकर्ण, मेघनाथ, विभीषण, कैकयी, मंथरा और शुर्पणखा की मूर्तियां भी हैं, जिनकी पूजा की जाती है।