Maa Siddhidatri Aarti: चैत्र नवरात्रि का आज समापन है, यानी की आज नवमी का दिन है। आज माता सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है, इसलिए आज दुर्गा मां की नौवें स्वरूप की पूजा होती है। माना जाता है कि माता रानी के इस स्वरूप की पूजा करने से भक्तों को सुखी जीवन की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि माता रानी के इस स्वरूप की पूजा करने से न सिर्फ सुखी जीवन की प्राप्ति होती है बल्कि आरोग्य जीवन भी मिलता है।
कहा जाता है कि मां सिद्धिदात्री मोक्ष की देवी हैं। इनकी पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। नवमी तिथि के दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा तो अवश्य ही की जानी चाहिए। पूजा के अंत में आरती की जाती है। बिना आरती के पूजा अधूरी रहती है। यदि आप भी मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करना ताहते हैं, तो पूजा के समय मां सिद्धिदात्री की आरती जरूर करें।
सिद्धिदात्री माता आरती
जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता।
तु भक्तों की रक्षक तू दासों की माता॥
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम॥
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।
तू जगदम्बें दाती तू सर्व सिद्धि है॥
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो॥
तू सब काज उसके करती है पूरे।
कभी काम उसके रहे ना अधूरे॥
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया॥
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।
जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली॥
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा॥
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता॥
मां सिद्धिदात्री के मंत्र
ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ सिद्धिदात्री देव्यै नमः
ॐ जयन्ती मां सिद्धिदात्री देवी
या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै इति..