आज विज्ञान ने बेशक काफी तरक्की कर ली हो. लेकिन आज भी भारत में कई ऐसे मंदिर, स्थान और पर्वत हैं जो रहस्यों की पृष्ठभूमि बनी हुई है. यानि इनतक विज्ञान भी नहीं पहुंच पाया है. उन्हीं में से आज हम एक ऐसे पर्वत की बात कर रहें है, जिसकी ऊंचाइयों में भी कई रहस्य सिमटें हुए हैं. इस पर्वत पर भगवान शिव की मौज़ूदगी को लेकर काफी सारे दावें किए गए हैं.
ये एक ऐसा पर्वत है जिसपर चढ़ाई करने से बड़े से बड़े मांउटेनियर्स भी कतराते हैं. इसके अलावा इस हिम को लेकर कई वैज्ञानिक भी घुटने टेक चुके हैं. इस पर्वत का संबंध सीधे देवों के देव महादेव से माना गया है. ये पर्वत है “कैलाश पर्वत”. मान्यता है कि स्वयं भगवान शिव अपने परिवार के साथ इस पर्वत पर आज भी विद्यमान हैं. इसलिए ये माना जाता है कि आजतक कोई पर्वतारोही और वैज्ञानिक न ही इस पर्वत की चढ़ाई कर पाएं हैं और न ही इसके रहस्यों का पता लगा पाएं हैं. कई पर्वतारोहियों का कहना है कि इस पर्वत से भोलेनाथ के डमरू की ध्वनि भी सुनाई देती है. डमरू की गुंजे सुनाई देने के कारण इस पर्वत के रहस्य का पता लगाना और भी जटिल हो जाता है. कई लोगों ने तो ये भी दावें किए है कि इस पर्वत से ऊं की ध्वनि की आवाज़ भी सुनाई देती है. जिस एक शब्द से पुरी सृष्टि का निर्माण माना जाता है.

इसी कारण हिंदू धर्म कैलाश पर्वत को पूजनीय माना जाता है. इसके अलावा ये भी माना जाता है कि कैलाश पर्वत हिंदू धर्म के लोगों के साथ-साथ बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी काफी महत्व रखता है. यानी हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के लिए कैलाश पर्वत एक पवित्र स्थल है.