हिंदू धर्म में कई मान्यताएं हैं जो आज भी चली आ रही है. उनमें से कुछ मान्यताएं पशु-पक्षी को लेकर भी है. जिसमें आज हम बात करेंगे कबूतर की. कई लोगों का मानना है कि कबूतर घर में आता है और घोंसला बनाता है तो वह दुर्भाग्य का प्रतीक है. लेकिन कई लोग इसका उल्टा सोचते हैं. उनका मानना है कि घर में कबूतर का आना शुभ होता है. कुछ लोग कबूतर को मां लक्ष्मी का भक्त मानते हैं. यह सुख और शांति का प्रतीक माना जाता है.

कबूतर का आना शुभ या अशुभ?
आपके घर में कबूतर का घोंसला नहीं बना है और फिर भी वो बार-बार आपके घर आ रहा है तो ये एक शुभ संकेत है. कहा जाता है अगर आप कबूतर को दाना खिलाते हैं तो इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. इसके साथ ही घर के सदस्यों को कोई बीमारी नहीं होती. घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है, जिसकी वजह से घर से लेकर बाहर हर जगह सुख-शांति बनी रहती है.
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध कमजोर है, तो उसे कबूतर को दाना जरूर डालना चाहिए. इसके अलावा जिन व्यक्तियों का गुरु कमजोर है, उन्हें कबूतर को पिंजरे से आजाद करना चाहिए. यह करना उनके लिए काफी अच्छा साबित होता है. इतना ही नहीं अगर आपको सुबह-सुबह कबूतर की गुटर गूं सुनाई दे तो यह लाभ मिलने का भी संकेत होता है.
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कबूतर का घोंसला बनाना शुभ या अशुभ?
अगर आपने अपने घर में कबूतर को पाल रखा है, तो आपको ये पता होना चाहिए कि ये आपके लिए शुभ है या अशुभ. अक्सर देखा जाता है कि कबूतर घर की बालकनी, छत या फिर AC के अंदर खाली जगहों में घोंसला बना लेते हैं. शकुनशास्त्र के मुताबिक, घर में कबूतर का घोंसला बनाना अशुभ माना जाता है. कबूतर का घोंसला बनाने का मतलब होता है कि वो घर में दुर्भाग्य लेकर आया है. इसलिए जितना जल्दी हो सके कबूतर के घोंसले को हटा देना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि घोंसला बनाने का असर घर के सदस्यों की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है और उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.