हर महीने में प्रदोष काल में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि शिव जी की पूजा करने से साधक सुख समृद्धि जीवन में आती है। इस पूजा के में कुछ विशेष मंत्रों का जाप कर के आप भी भगवान महादेव के की कृपा के भोगी होना चाहते हैं, तो आप भी इस प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान मंत्रों का उच्चारण कर सकते हैं।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
इस चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि 20 अप्रैल को रात 10 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इसका समापन 22 अप्रैल को रात 10 बजकर 11 मिनट पर होगा। वहीं चैत्र महीने का दूसरा व्रत 21 अप्रैल, रविवार के दिन किया जाएगा। वहीं बात पूजा के मुहूर्त की हो तो बता दें कि इसका शुभ मुहूर्त शाम 6.51 से 09:02 तक रहेगा। क्योंकि यह व्रत रविवार को पड़ने वाला है, इसलिए इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
प्रदोष व्रत मंत्र (Pradosh Vrat Mantra)
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव गायत्री मंत्र
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
शिव स्तुति मंत्र
द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।
शिव आरोग्य मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।
आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है।
शीघ्र विवाह के लिए मंत्र
ह्रीं गौर्य नमः
है गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरू कल्याणि कान्तकान्तां सुदुर्लभाम्।।
हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।