Ram Mandir: रामनवमी पर किया जाएगा रामलला का सुर्याभिषेक, बेहद मनमोहक होगा नजारा

रामलला का सुर्याभिषेक

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है और रामनवमी को सनातन धर्म के लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं। इस साल रामनवमी 17 अप्रैल को पड़ रही है। शास्त्रों की मानें तो इस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। इसलिए चैत्र माह के शुक्ल पक्ष ती नवमी तिथी को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। और तो और इस बार की राम नवमी राम भक्तों के लिए खास होने वाली है। इस बार राम जन्मभूमि में बने राम मंदिर में रामलला विराजमान हैं। आखिर यही वजह है कि इस बार रामनवमी के अवसर पर अयोध्या बेहद खास नजारा देखने को मिलेगा।

बताया जा रहा है कि इस शुभ अवसर पर भगवान राम को 56 भोग अर्पित किए जाएंगे। इसी के साथ साथ उनका सूर्याभिषेक भी किया जाना है। इन्हीं सब को लेकर राम मंदिर में जोरों शोरों से तैयारियां हो रही है। आइये जानते हैं कि किस प्रकार किया जाएगा रामलला सूर्य अभिषेक।

सूर्य अभिषेक

इस रामनवमी पर रामलला का खास तरीके से सूर्याभिषेक किया जाएगा। सनातन धर्म में सुर्य देव को उर्जा का स्तोत्र माना गया है। जब भगवान सूर्य देव की किरण भगवान का अभिषेक करती हैं, तो इससे आराधना में और देवता का भाव जागृत होता है। इस विधि को सूर्य अभिषेक कहा जाता है। बता दें कि इस रामनवमी के दिन रामलला के ललाट पर 4 मिनट तक के लिए सूर्य की किरणें पडेगी। उसी दौरान रामलला का सूर्य तिलक होगा। मिली जानकारी के अनुसार, रामलला के सूर्य तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है।

सूर्याभिषेक के महत्व

प्रभु राम भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से एक हैं। धार्मिक मान्यता है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर बारह बजे भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, तो उस दौरान सूर्य देव अपने पूर्ण प्रभाव में थे। माना जाता है कि सूर्योदय के दौरान सूर्य देव को जल चढ़ाने और उनकी पूजा करने से साधक का जीवन सफल हो जाता है। इसी के साथ साधक को फल की प्राप्ति भी होती है। साथ ही कुंडली में मौजूद सूर्य की स्थिति भी मजबूत होती है।