Rudrabhishek 2024: कैसे किया जाता है रुद्राभिषेक, किन सामग्रियों से की जाती है महादेव की पूजा; रोग होंगे दूर

Rudrabhishek 2024

Sawan Rudrabhishek 2023: भगवान शिव की लीला भी अपरंपार है। उनकी पूजा करना और उनके लिए व्रत रखना उनके भक्तों के लिए सबसे खास माना गया है। हिंदू धर्म में एक तो सावन का महीना और दूसरी महाशिवरात्री भगवान शिव को सबसे प्रिय है। इन दोनों ही त्योहारों के दौरान रुद्राभिषेक करना सबसे फलदायी माना गया है। इससे भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद मिलता है।

सनातन धर्म में रुद्राभिषेक एक सबसे बड़ी और खाल पूजा में से एक है। यह एक बड़ा अनुष्ठान माना गया है। भक्त अपनी श्रद्धा भाव से शिवलिंग पर जलाभीषेक करते हैं। बता दें कि रुद्राभिषेक का फल आपको तब ही मिलता है जब आप इसकी पूजा पूरे विधि विधान से सही-सही करते हैं। यदि आप अपने घर में रुद्रभिषेक कराना चाहते हैं तो ये भी जान लीजिए कि इसमें सामग्री क्या-क्या लगती है और रुद्राभीषेक करने की सही विधि क्या है।

रुद्राभिषेक के लिए जरूरी सामग्री

यदि आप अपने घर में रुद्राभिषेक कराना चाहते हैं तो बता दें कि ये आप खुद भी कर सकते हैं। या फिर किसी पुरोहित द्वारा भी पूजा पाठ करवा सकते हैं। इसमें आपको गाय का घी, चंगन, पान के पत्ते, फूल, फल, शहद, दही, दूध, मेवा, बेलपत्र, गुलाबजल, पंचामृत, मिठाई, गन्ने का रस, शुद्ध जल, सुपारी, नारियल, श्रृंगी आदि की आवश्यकता होगी। बता दें कि अपने अनुष्ठान से पहले इन सामग्री को जमा कर के रख लें।

विधि

आइये जानते हैं कि रुद्राभिषेक की विधि कैसी है। सबसे पहले तो आपको बता दें कि इस पूजा के लिए शिवलिंग को उत्तर दिशा में रखना होगा। सबसे पहले श्रृंगी में गंगाजल डालकर इसकी शुरुआत करें। इसके बाद जितनी भी तरल चीजें हैं, जैसे, शहद, दही, दूध, पंचामृत आदि को शिवलिंग पर चढ़ाएं या अभिषेक करें।

रुद्राभिषेक के दौरान महामृत्युंजय मंत्र- “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥” का जाप करते रहें।
इसके बाद शिव तांडव स्तोत्र, ओम नम: शिवाय या फिर रुद्रामंत्र का भी जाप कर सकते हैं। इसके बाद बारी आती है चंदन के लेप की। तो शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं, पान का पत्ता, बेल पत्ती, सुपारी आदि चीजों का भोग भी लगाएं।

शिवलिंग पर जलाएं धूप

भोग लगाने के बाद शिवजी के मंत्र का 108 बार जाप करें और पूरे परिवार समेत भगवान भोलेनाथ की आरती करें। इसके बाद रुद्राभिषेक किए गए जल को किसी पात्र में जमा करते रहें। जब पूरी पूजा आरती हो जाए तो उसके बाद पूरे घर में उसी जल से छिड़काव करें। इसके बाद परिवार और रुद्राभिषेक में शामिल सभी भक्तों के प्रसाद वितरित करें। कहा जाता है कि रुद्राभिषेक के प्रसाद से व्यक्ति के जीवन के कष्ट और रोग दूर हो जाते हैं।