Meaning of Lord Shiva Names: भगवान् भोलेनाथ हमारे आराध्य हैं और उनकी पूजा हमारे लिए सबसे सार्थक मानी जाती है। भगवान शिव सृष्टि के संहारक हैं। हमारे त्रीदेवों में से एक हैं। भगवान शिव को शिव, भोलेनाथ, महादेव जैसे कई नामों से बुलाया जाता है। आइये महाशिवरात्री के खास मौके पर आपको बताते हैं कि भगवान शिव के इन खास नामों के क्या अर्थ हैं। उनको ये नाम कैसे मिले इसपर भी रोशनी डालते हैं।
नीलकंठ
हिंदू कथाओं की माने तो, जब देवताओं और राक्षसों के बीच अमृत प्राप्ती को लेकर मंथन हुआ था, तब अमृत के साथ-साथ विष भी उत्पन्न हुआ था। वो विष इतना भयानक था कि उस विष से निकली आग से सभी दिशाएं जलने लगी थी। उसी क्षण इस पूरे संसार को बचाने के लिए भगवान भोलेनाथ ने उस विष को पी लिया था, जिसके कारण उनका गला नीला पड़ गया था। तबसे लेकर भगवान शिव का नाम नीलकंठ पड़ गया।
महामृत्युंजय
आपको पता ही होगा की भोलेनाथ को महामृत्युंजय भी कहा जाता है। संसकृत में इसका मतलब मृत्यु पर जीत पाने वाला है। इसका अर्थ है कि जिसपर मृत्यु का कोई प्रभाव न पड़े। बता दें कि भगवान शिव की स्तुति के लिए महामृत्युंजय का जाप भी किया जाता है। सनातन धर्म में ये मान्यता है कि जो भी इस मंत्र का जाप करता है या जिसके लिए भी इस मंत्र का जाप किया जाता है, व्यक्ति की अकाल मृत्यु को टाला जा सकता है।
अर्धनारीश्वर स्वरूप
अर्धनारीश्वर भगवान भोलेनाथ का ही एक स्वरूप है। इस स्वरूप में भगवान शिव नें आधा शरीर नारी व आधा शरीर पुरुष का धारण किया हुआ है। इस स्वरूप के आधे हिस्से में भगवान भोलेनाथ का वास होता है। वहीं आधी नारी के रूप में स्त्री की शक्तियां समाहित हैं। इस स्वरूप में भगवान शिव प्रत्येक जीव को इस बात का संकेत देते हैं कि स्त्री और पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं। स्त्री और पुरुष एक दूसके के बिना अधूरे हैं।
भोलेनाथ
एक ओर भगवान शिव के रौद्र रूप से तीनों लोकों में हड़कंप मच जाता है, तो वहीं उनका एक ऐसा रूप भी है, जिसमें उनको भोलेनाथ कहा जाता है। इस नाम का मतलब है कोलल हृदय रखने वाला, उदार और दयालु भाव रखने वाला। काहा जाता है कि भगवान शिव इतने भोले हैं कि उनपर यदि किसी ने सच्चे मन से जल भी चढ़ा दिया तो वह उनके ऊपर भी अपनी कृपा बरता देते हैं। इसलिए भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है।
महादेव
शिव जी महादेव की उपाधी दी गई है। अन्य किसी भी देव को इस नाम से नहीं पुकारा जाता है। ऐसा कहा जातै है कि इस संसार की रचना से पहले भी शिव थे और इस संसार के अंत के बाद भी वही रहने वाले हैं। महादेव का अर्थ होता है- महान ईश्वरीय शक्तियों वाला, देवों के देव को महादेव कहा जाता है। इस संज्ञा के अधिकारी सिर्फ एक हैं और वह और कोई नहीं हमारे महादेव हैं।