वास्तु के अनुसार चुने घर की अलग दिशाओं के फर्श का रंग, पड़ता है गहरा असर

वास्तु के अनुसार चुने घर की अलग दिशाओं के फर्शों का रंग, पड़ता है गहरा असर

हिंदू धर्म शास्त्रों में वास्तु शास्त्र का काफी खास महत्व है। घर-संपत्ति से जुड़ी अहम बातों की व्याख्या वास्तु शास्त्र के ज़रिए की गई है। ऐसे में घर के फर्श के रंगों को लेकर भी वास्तु में कई बातें की गई हैं कि किस दिशा के फर्श में किस तरह का रंग होना चाहिए। वास्तु के अनुसार, आइए जानते हैं कि कौन सी दिशा में किस तरह का रंग शुभ होता है।

  • घर की उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे शुभ माना गया है। इस दिशा में भगवान शिव का भी वास माना जाता है। भोलेनाथ का पसंदीदा रंग आसमानी और नीला माना होता है। इसलिए वास्तु के अनुसार, घर की उत्तर-पूर्व दिशा में आसमानी या नीले रंग के फर्श बनवाने की सलाह दी जाती है। इससे भगवान शिव का आर्शीवाद सदैव बना रहता है। साथ ही घर के वास्तु संबंधी समस्या से भी छुटकारा मिलता है।
  • धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने हेतु घर की पश्चिम दिशा के फर्श के लिए सफेद रंग को चुनना चाहिए, लेकिन इस रंग के फर्श पर ज्यादा डिज़ाइन या आकृति नहीं बनवानी चाहिए।
वास्तु के अनुसार चुने घर की अलग दिशाओं के फर्शों का रंग, पड़ता है गहरा असर
  • वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा को बहुत ही शुभ दिशा माना गया है। अगर इस दिशा में वास्तु के नियमों का सही तरीके से पालन किया जाए, तो यह न सिर्फ घर के सभी सदस्यों बल्कि घर के मुखिया के लिए भी अत्यंत लाभकारी साबित होती है।
  • यह दिशा सूर्य देव को समर्पित मानी जाती है, इसलिए यहां सूर्य देव और इन्द्र देव की विशेष कृपा बनी रहती है। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, पूर्व दिशा में फर्श के लिए गहरे हरे रंग के पत्थरों का इस्तेमाल करना बेहद शुभ माना जाता है।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में ब्रह्मा जी का वास माना जाता है, जो सृष्टि के रचयिता हैं। इस दिशा में बैंगनी रंग के फर्श का उपयोग करना शुभ फलदायक होता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
  • वहीं उत्तर-पूर्व दिशा को अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक दिशा माना गया है। इस दिशा के फर्श के लिए काले रंग के पत्थर का इस्तेमाल करना वास्तु के अनुसार उचित होता है। ऐसा करने से घर में समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।
  • उत्तर-पश्चिम दिशा वायु तत्व की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में फर्श के लिए ग्रे (धूसर) रंग के मार्बल या पत्थर का प्रयोग करना वास्तु के अनुसार अनुकूल रहता है, जिससे घर में संतुलन और मानसिक शांति बनी रहती है।