सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना गया है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. हर महीने दो एकादशी आती है. एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में. यानी साल में कुल 24 एकादशी होती है. लेकिन इस साल कुल 25 एकादशी होंगी. हर एकादशी के अलग नाम और महत्व होते हैं. मान्यता है कि बाकी व्रत-उपवास के मुकाबले एकादशी का व्रत दौगुना से भी ज्यादा फल देता है. साल 2024 की अब दूसरी एकादशी आएगी. जिसका नाम पुत्रदा एकादशी है. आइए जानते हैं इस साल ये एकादशी कब आएगी और इसका क्या महत्व है?
मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी के दिन जो व्यक्ति श्रीहरि विष्णु की निमित्त रूप से पूजा-अर्चना करता है और उपवास रखता है, उसपर श्रीहरि अपना आशीर्वाद बनाते हैं. इस दिन प्रभु नारायण की पूजा करने और उपवास रखने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. इसके साथ ही एकादशी का व्रत करने वाले मनुष्य को विष्णु जी की अपार कृपा प्राप्त होती है. आपको बता दें कि सालभर में आने वाली एकादशी व्रत के अलग-अलग नाम और महत्व होते है. अगर आप संतान सुख पाना चाहते हैं तो पुत्रदा एकादशी का व्रत अवश्य रखें.

कहते हैं कि पुत्रदा एकादशी के दिन जो व्यक्ति भगवान श्री विष्णु के निमित्त व्रत कर उनकी उपासना करता है. तो उसे सुंदर और स्वस्थ संतान का सुख प्राप्त होता है.
इस साल इस दिन रखें पुत्रदा एकादशी का व्रत
इस साल पुत्रदा एकादशी का व्रत 21 जनवरी को रखा जाएगा. इस व्रत का आरंभ 20 जनवरी से शाम साढ़े सात बजे के करीब का माना जा रहा है. जिसकी समाप्ति 21 जनवरी की शाम करीब साढ़े सात बजे होगी. तो ऐसे में पुत्रदा एकादशी का व्रत 21 जनवरी को ही रखा जाएगा. इस एकादशी के व्रत को रखने से नि:संतान को पराक्रमी और स्वस्थ संतान की प्राप्ति होती है.