आचार्य चाणक्य, जिन्हें नीति शास्त्र का जनक माना जाता है, भारतीय ज्ञान और विवेक के प्रतीक हैं। उन्होंने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘चाणक्य नीति’ में जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से विचार किया है। आज के समय में भी लोग उनके द्वारा बताए गए सिद्धांतों का पालन करके एक बेहतर जीवन जीने की कोशिश करते हैं। चाणक्य के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को जीवन में सफलता हासिल करने के लिए कुछ विशेष गुणों का होना आवश्यक है। इनमें से एक नीति में उन्होंने कुछ जीवों को उनकी नींद से न जगाने का उल्लेख किया है। उनके अनुसार, कुछ प्राणियों को नींद से जगाने पर मनुष्य को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
आचार्य चाणक्य अपनी इस नीति के ज़रिए कहते हैं कि शेर, राजा, छोटे बच्चे समेत ऐसे कई प्राणी है जिन्हें नींद से कभी नहीं जगाना चाहिए। इनको उठाने से ये आपके लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।

इन प्राणियों को नींद से न उठाएं-
- राजा- चाणक्य नीति के अनुसार, किसी सोते हुए राजा को कभी उसकी नींद से नहीं उठाना चाहिए। ऐसा करने से उसकी नींद न पुरी होने पर वे क्रोध में आकर किसी भी तरह की सजा सुना सकता है।
- शेर- नींद में शेर को जगाने या छेड़ने का मतलब है कि आप उसके मुंह में स्वयं हाथ डालकर खतरे को न्योता दे रहे हैं। शेर के नींद से जागने पर वे आप पर जानलेवा हमला भी कर सकता है। इसलिए उन्हें नहीं छेड़ना चाहिए और न ही नींद से जगाना चाहिए।
- सांप- विश्राम कर रहे सांप को भी कभी छेड़ना नहीं चाहिए। उसके उठने पर वे आपको डस भी सकता है जो जान के लिए काफी घातक है।
- छोटा बच्चा- किसी छोटे बच्चे को भी उसकी नींद से नहीं जगाना चाहिए। अगर वे नींद से जाग जाता है तो कच्ची नींद की वजह से चीख-चीख कर रोने लगता है, जिसे संभालना मुश्किल हो जाता है।
- कुत्ता- कुत्ता जितना वफादार होता है, उसे छेड़े जाने पर या नींद से जगाए जाने पर इंसान के लिए घातक बन सकता है। कुत्ते को तंग करने से वे आपको कांट भी सकता है।
- मुर्ख व्यक्ति- आचार्य चाणक्य का कहना है कि किसी मुर्ख व्यक्ति को भी उसकी नींद से जगाना उसपर समय व्यर्थ करने वाली बात है। अगर उन्हें नींद से जगाया जाता है तो ऐसे व्यक्ति उठकर बहस और झगड़ा करने लगते हैं।