श्रीकृष्ण का हर कोई दिवाना है. उनकी चंचलता और नटखता के जगह-जगह बखान है. लोग कृष्ण को अनेक स्वरूपों में पूजते हैं. कोई उनके बाल रूप का दिवाना है, तो कोई उनके किशोर रूप का दिवाना है. नटखटता और चंचलता के साथ-साथ वे 64 गुणों के ज्ञानी और समस्त भगवद्गीता के उपदेशक भी हैं. लोगों के प्रेम ने कृष्ण को लड्डू गोपाल, मोहन, गिरधारी, गोविंद, कान्हा जैसे करीब 108 नाम दिए हैं. हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण को लड्डू गोपाल के रूप में सभी अपने घरों में विराजित करना पसंद करते हैं. लेकिन लड्डू गोपाल को घर में रखने के कई नियम होते हैं. जिन्हें निभाना अनिवार्य होते हैं. उनमें से एक हैं उन्हें घर में अकेला न छोड़ना. आइए जानते हैं लड्डू गोपाल को घर में स्थापित करने के नियमों के बारे में..

लड्डू गोपाल को सभी अपने घरों में एकदम अपने छोटे बच्चे की तरह पालते हैं और अपने परिवार का महत्वपूर्ण सदस्य मानते हैं. नन्हें से बच्चे की तरह उनकी सेवा की जाती है. इसलिए उन्हें कभी घर में अकेला भी नहीं छोड़ना चाहिए. ऐसे में अगर घर के सभी सदस्य बाहर जा रहें है, तो लड्डू गोपाल को अपने साथ ही ले जाएं. बच्चे के स्वरूप में उन्हें पालने के साथ-साथ हर छोटी से बड़ी ज़िम्मेदारी उठानी चाहिए. एकदम छोटे बच्चे की तरह उनका ध्यान रखना चाहिए.
- इसके अलावा उन्हें छोटे बच्चे की तरह प्रतिदिन स्नान भी कराना चाहिए. लड्डू गोपाल के स्नान वाले जल को मां तुलसी को अर्पित कर देना चाहिए.
- नहाने के बाद लड्डू गोपाल को सबसे पहले चंदन का तिलक अवश्य लगाएं, उसके बाद उन्हें साफ-सुथरे वस्त्र पहनाएं.
- उन्हें सात्विक भोजन ही कराएं. बच्चे की तरह उन्हें भी चार पहर भोग लगाना चाहिए. इस बात का भी खास ध्यान रहें कि उनके भोग में लहसुन या प्याज़ शामिल न हों.